भोपाल, 21 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी शून्य करना है, जिससे अगले माह से प्रदेश में जन-जीवन सामान्य कर सकें तथा काम धंधे चालू हो सकें।
श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एग्रेसिव टेस्टिंग करें। कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करें तथा माइक्रो कंटनमेंट जोन बनाएं। कोरोना के एक-एक मरीज को ढूंढ़ निकालें, उसका इलाज करें तथा कोरोना संक्रमण को पूरी तरत समाप्त करें।
कोरोना मुक्ति के लिए आक्रमक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाये-शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंग और माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करना होगा। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू की जाये।
श्री चौहान ने भोपाल संभाग की कोविड-19 की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त बनाने के लिए क्राइसेस मेनेंजमेंट ग्रुप के सभी सदस्य और शासकीय अमला पूरी सजगता और सचेत होकर इस दिशा में कार्य करें। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जायें और कोरोना संभावित व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए किल कोराना अभियान में घर-घर सर्वे का कार्य निरंतर जारी रहे। प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दवा दी जाये और उनकी स्थिति पर नजर रखा जाये।
ग्राम स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि कोरोना युद्ध के सेनापति होंगे: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के विरुद्ध विकट युद्ध जारी है। ग्राम स्तर तक पहुँच चुका यह युद्ध पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना नहीं जीता जा सकता है। इस युद्ध में पंचायत प्रतिनिधि ही अपने-अपने क्षेत्र के सेनापति हैं। सभी को कोरोना कर्फ्यू, किल-कोरोना अभियान, टेस्टिंग, मेडिकल किट वितरण और टीकाकरण में हर संभव सहयोग करते हुए अपने गाँव और प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त करने का लक्ष्य रख कर कार्य करना होगा।
श्री चौहान ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को कोविड-19 के नियंत्रण की रणनीति के संबंध में निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कल 78 हजार 268 टेस्ट हुए, जिसमें 4 हजार 384 व्यक्ति ही पॉजिटिव आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या लगातार घट रही है। कल यह संख्या 4 हजार 300 थी, जबकि 9 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ हुए। प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 5.6 प्रतिशत हो गई है। हमें यह ध्यान रखना है कि यह लड़ाई लम्बी है अत: लापरवाह होने का समय नहीं है। हमारा प्रदेश कठिन दौर से गुजरा है। कोरोना के प्रकोप से अस्पताल भरे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव था। लगातार प्रयासों से व्यवस्थाएँ स्थापित हुई हैं। यदि लापरवाही बरती तो प्रदेश फिर कोरोना के दुष्चक्र में फँस जायेगा।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के आदेश जारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, जिनके माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है।
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। योजना में परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक, बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में, 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक इनमें से जो भी कम हो और जिनके माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। कोविड-19 से मृत्यु” का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।