भोपाल, 18 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना महामारी के कारण आज लॉकडाउन 4 प्रारंभ होने के मद्देनजर कहा कि राज्य में अब सिर्फ दो ही रेड और ग्रीन जोन होंगे और इन्हीं के आधार पर सारी गतिविधियां तय की जाएंगी।
श्री चौहान ने रात्रि में राज्य की जनता के नाम संदेश में यह बात कही। उन्होंने लगभग 25 मिनट के अपने संदेश में कहा कि रेड जोन में सख्त प्रतिबंध पूर्व की भांति जारी रहेंगे, ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हालाकि आवश्यक सेवाएं जारी रखी जाएंगी। वहीं ग्रीन जोन में आर्थिक और अन्य गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी, लेकिन इस दौरान पूरी ऐहतियात बरती जाएगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि इंदौर, उज्जैन और भोपाल के अलावा कुछ अन्य जिले रेड जोन में हैं। जबकि शेष जिले ग्रीन जोन में रहेंगे। उन्होंने बताया कि यदि ग्रीन जोन में कोरोना के केस आए या इनमें वृद्धि हुयी तो उन्हें रेड जोन में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसलिए उन्होंने ग्रीन जोन के नागरिकों से पर्याप्त ऐहतियाती कदम उठाते हुए सतर्क रहने का अनुरोध किया।
उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए राज्य में 50 दिनों के दौरान उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि हम कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पाने में सफल रहे हैं। आगे भी और मजबूती से इस पर नियंत्रण पाना आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना भी जरुरी है। इसका हम ड्राफ्ट बनाकर लाएंगे और इस दिशा में कार्य भी करेंगे। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना आवश्यक है और इसके लिए भी अनेक योजनाओं पर कार्य किया जाएगा।
लॉकडाउन थ्री कल ही समाप्त हुआ है और देश में आज से लॉकडाउन फोर प्रारंभ हो गया है, जो फिलहाल 30 मई तक चलेगा। लॉकडाउन फोर के दौरान जिला स्तर पर भी संकट प्रबंधन समूह बनाए गए हैं, जिन्हें स्थानीय स्थितियों के आधार पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। इनमें जिले के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
श्री चौहान ने कहा कि हमें अभी कुछ समय और कोविड के साथ जीना है तथा अपनी अर्थव्यवस्था को भी गति देना है। हमें पूरी सावधानी एवं संतुलित रूप से चलना होगा, जिससे कोरोना संक्रमण फैले नहीं और जिन्दगी भी रफ्तार पकड़े। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश को दो जोन रैड एवं ग्रीन में बांटा गया है। रैड जोन के अंतर्गत इंदौर, उज्जैन जिले का संपूर्ण क्षेत्र, भोपाल, बुरहानपुर, जबलपुर, खण्डवा एवं देवास के नगर पालिक निगम तथा मंदसौर, नीमच, धार व कुक्षी के नगर पालिका क्षेत्र होंगे।
प्रदेश के शेष सभी जिले ग्रीन जोन में रखे गए हैं। एक सप्ताह तक यहाँ बाजार बंद रहेंगे तथा इसके बाद समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन-4 के दौरान सभी कन्टेनमेंट क्षेत्रों में विशेष प्रतिबंध जारी रहेंगे तथा केवल अत्यावश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। इस जोन के भीतर और बाहर लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित रहेगा, केवल मेडिकल इमरजेंसी और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति की जा सकेगी। कंटेनमेंट एरिया में उद्योग संचालित नहीं होंगे, परंतु इनके बाहर सभी स्थानों पर उद्योग संचालित किये जा सकेंगे।
कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है – शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समय रहते ही कोरोना संकट को पहचाना, उसकी गहराई समझी तथा उससे बचने की पुख्ता रणनीति बनाकर लागू की, जिसके चलते हम कोरोना संकट को नियंत्रित कर पाने में सफल हुए हैं। मध्यप्रदेश में काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण पा लिया गया है।
श्री चौहान ने रात्रि में राज्य की जनता के नाम अपने संदेश में यह बात कही। लगभग 25 मिनट के संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन-4 अलग ढंग एवं अलग स्वरूप में होगा। हमें जान के साथ जहान भी बचाना है। इसके स्वरूप के संबंध में मध्यप्रदेश की जनता, सभी वर्ग, जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों से प्राप्त सुझावों के अनुसार निर्णय लिया गया है। प्रदेश में लॉकडाउन-4 के अंतर्गत सभी जिलों को दो जोन रैड एवं ग्रीन में बांटा गया है। सभी संक्रमित क्षेत्रों में विशेष प्रतिबंध जारी रहेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम काफी हद तक कोरोना को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं। कोरोना प्रकरणों के दोगुना होने की दर 1 अप्रैल को 3 दिन थी, जो कि 1 मई को बढ़कर 14 दिन हो गई। वर्तमान में यह दर 17.2 दिन है, जो कि जल्दी ही 20 दिन हो जाएगी। हमारी कोरोना स्वास्थ्य दर (रिकवरी रेट) 1 मई को 19.03 प्रतिशत थी, जो 18 मई को बढ़कर 46 प्रतिशत से अधिक हो गई है, परंतु अभी पूरी सावधानी एवं सतर्कता की आवश्यकता है। हमें डरना नहीं है, घबराना नहीं है, लेकिन पूरी सावधानियां बरतनी है। हमने प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुयी है, परंतु हमने गरीबों, मजदूरों, किसानों, बच्चों आदि की सहायता के लिए 16 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की राशि उनके खातों में अंतरित की, जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दिक्कत एवं तकलीफ न आए। सरकार ने हमारे प्रवासी मजूदर भाई-बहनों की भी चिंता की। सभी को बसों एवं ट्रेन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 91 से अधिक ट्रेन तथा हजारों बस अभी तक लगाई गई हैं। साथ ही प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले तक भी मजदूरों को पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार उनके भोजन, राशन तथा उन्हें कार्य दिलवाने की भी व्यवस्था कर रही है। जिन मजदूर भाईयों का राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है। जो कार्य करना चाहते हैं तथा जिनका जॉब कार्ड नहीं है, पंचायतों के माध्यम से उनका जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें काम दिया जा रहा है। शासन ने निर्णय लिया है कि इन्हें संबल योजना की भी पात्रता होगी। संबल योजना गरीब का सुरक्षा कवच है जो उनकी हर आवश्यकता की पूर्ति करता है।
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में मिल रही है सफलता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के नियंत्रण के प्रयासों में सफलता मिल रही है।
श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना वायरस की स्थिति, राज्य में किए गए प्रयासों और आगामी पखवाड़े में लॉकडाउन-4 में क्षेत्रवार गतिविधियों के संचालन के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आमजन को शिक्षित करने का कार्य निरंतर चलेगा। मास्क के उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता के पालन के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने का कार्य निरंतर चलेगा। इससे राज्य में इस वायरस पर शत-प्रतिशत नियंत्रण प्राप्त कर उसे परास्त किया जा सकेगा। कुछ समय इसी स्थितियों में जीना है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने और सभी लोगों के बचाव के प्रति सतर्क रहना है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं राज्य नियंत्रण कक्ष प्रभारी आई. सी. पी. केशरी ने बताया कि 88 ट्रेन श्रमिकों को लेकर आ चुकी हैं। अन्य 22 ट्रेन आएंगी। इस तरह 110 ट्रेन की व्यवस्था से बड़े पैमाने पर श्रमिकों को घर पहुंचने का कार्य संपन्न हो रहा है। अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को राज्य में भोजन और आगे की सड़क मार्ग से यात्रा के लिए परिवहन की सुविधा देने का कार्य बहुत मुस्तैदी से किया गया है। प्रत्येक जिले में श्रमिकों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। अनेक श्रमिकों ने मध्यप्रदेश में मिली सुविधाओं को अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर बताया है।
बैठक में बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन-4 के संबंध में विधिवत आदेश जारी कर क्षेत्रवार गतिविधियों के संचालन के संबंध में शीघ्र ही जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि भोपाल में इस माह किए गए विशेष प्रयासों से कोरोना वायरस के नियंत्रण में काफी सफलता प्राप्त हुई है।
आईजी उपेंद्र जैन ने बताया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में 10 कोरोना मित्र बनाकर कम्युनिटी को शामिल करने का कार्य किया गया। सभी समुदायों को जागरूकता प्रयासों से जोड़ा गया। सेंपलिंग और सर्विलेंस की व्यवस्थाओं से भोपाल रोग नियंत्रण में एक मॉडल के रूप में सामने आ रहा है। होम क्वॉरेंटाइन के प्रति लोग सहयोग प्रदान कर रहे हैं। जिन परिवारों में कोई सदस्य अन्य स्थान से आए हैं वह परिवार के सदस्य को जागरूक बनाते हुए क्वॉरेंटाइन व्यवस्था में सहयोग दे रहे हैं। कमिश्नर भोपाल कविंद्र कियावत और कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने भी भोपाल में क्षेत्रवार रोग नियंत्रण की स्थिति की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
संक्रमित क्षेत्रों में रखी जाए विशेष सावधानी एवं सख्ती: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी जिलों के संक्रमित क्षेत्रों में विशेष सावधानी एवं सख्ती बरती जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग आपस में न मिलें, अन्यथा संक्रमण फैलने से नहीं रोका जा सकेगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, एसीएस स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कलेक्टर्स इसके लिए जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, सामाजिक संगठनों आदि के माध्यम से लोगों को समझाइश दिलवाएं। किसी भी स्थिति में कोरोना संक्रमण नहीं फैलना चाहिए।
खण्डवा जिले की समीक्षा में बताया गया कि एक संक्रमित कॉलोनी में एक ही दिन में कोरोना के 69 पॉजिटिव प्रकरण आए। मुख्यमंत्री ने इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कार्य में थोड़ी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यह देखें कि गैप कहाँ पर है, जिससे उसे तुरंत दूर किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों का शत-प्रतिशत सर्वे करवाया जाए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आज खण्डवा के लिए चिकित्सकों का विशेष दल रवाना किया जा रहा है।
एसीएस हैल्थ ने बताया कि प्रदेश के 8 जिलों में अब कोई एक्टिव केस नहीं है। आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, हरदा, शहडोल, शाजापुर तथा श्योपुर जिलों में पूर्व में प्रकरण थे, परंतु अब वहां कोई भी एक्टिव प्रकरण नहीं है। ये जिले संक्रमण मुक्त हो गए हैं।
अपर मुख्य सचिव श्री आईसीपी केशरी ने बताया कि मजदूरों को लाने ले जाने के लिए अभी तक 16 हजार 218 बसें लगाई गई हैं, जिन पर 48 करोड़ 27 लाख रूपए का व्यय किया गया है। बाहर के मजदूरों को सीमा पर छोड़ने के लिए लगभग एक हजार बसें रोज लगाई गई हैं, जिन पर लगभग तीन करोड़ रूपए प्रतिदिन व्यय आ रहा है। मजदूरों को लेकर अभी 91 ट्रेन मध्यप्रदेश आ गई हैं, इसके लिए भारतीय रेलवे को 6 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। प्रतिदिन ट्रेनों पर लगभग 50 से 60 लाख रूपए व्यय किया जा रहा है।
श्री केशरी ने बताया कि एक लाख 30 हजार मजदूरों को सहायता के रूप में लगभग 13 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार 8 कोरोना योद्धाओं की मृत्यु के पश्चात उनके परिवारों को 50-50 लाख रूपए के मान से 4 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि अभी तक कुल 4 लाख 17 हजार मजदूर प्रदेश वापस आ चुके हैं। इनमें से 03 लाख मजदूर बसों के माध्यम से तथा 1 लाख 17 हजार मजदूर ट्रेनों के माध्यम से मध्यप्रदेश वापस आए हैं। अभी तक 91 ट्रेन आ गई हैं, 07 ट्रेन कल आने वाली है तथा 25 ट्रेन और आएगी। रेलवे से इस संबंध में मांग की है। गेहूँ उपार्जन की समीक्षा में बताया गया कि अभी तक प्रदेश में 12 लाख 85 हजार किसानों से 90 लाख मेट्रिक टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर उपार्जित किया जा चुका है। किसानों को 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उपार्जित गेहूँ में से 87 प्रतिशत का परिवहन भी कर लिया गया है।
मनरेगा कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार से मनरेगा के अंतर्गत अतिरिक्त फण्ड आने वाला है तदनुसार अधिक से अधिक कार्य करवाए जाने संबंधी तैयारी रखें। अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 20 लाख 06 हजार 420 मजदूरों को काम दिया गया है। इस बार बारिश में भी कुछ कार्य जारी रखे जाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मनरेगा के किसी भी कार्य में कोई भी मशीन न लगे यह सुनिश्चित किया जाए।
कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है – शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समय रहते ही कोरोना संकट को पहचाना, उसकी गहराई समझी तथा उससे बचने की पुख्ता रणनीति बनाकर लागू की, जिसके चलते हम कोरोना संकट को नियंत्रित कर पाने में सफल हुए हैं। मध्यप्रदेश में काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण पा लिया गया है।
श्री चौहान ने रात्रि में राज्य की जनता के नाम अपने संदेश में यह बात कही। लगभग 25 मिनट के संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन-4 अलग ढंग एवं अलग स्वरूप में होगा। हमें जान के साथ जहान भी बचाना है। इसके स्वरूप के संबंध में मध्यप्रदेश की जनता, सभी वर्ग, जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों से प्राप्त सुझावों के अनुसार निर्णय लिया गया है। प्रदेश में लॉकडाउन-4 के अंतर्गत सभी जिलों को दो जोन रैड एवं ग्रीन में बांटा गया है। सभी संक्रमित क्षेत्रों में विशेष प्रतिबंध जारी रहेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम काफी हद तक कोरोना को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं। कोरोना प्रकरणों के दोगुना होने की दर 1 अप्रैल को 3 दिन थी, जो कि 1 मई को बढ़कर 14 दिन हो गई। वर्तमान में यह दर 17.2 दिन है, जो कि जल्दी ही 20 दिन हो जाएगी। हमारी कोरोना स्वास्थ्य दर (रिकवरी रेट) 1 मई को 19.03 प्रतिशत थी, जो 18 मई को बढ़कर 46 प्रतिशत से अधिक हो गई है, परंतु अभी पूरी सावधानी एवं सतर्कता की आवश्यकता है। हमें डरना नहीं है, घबराना नहीं है, लेकिन पूरी सावधानियां बरतनी है। हमने प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुयी है, परंतु हमने गरीबों, मजदूरों, किसानों, बच्चों आदि की सहायता के लिए 16 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की राशि उनके खातों में अंतरित की, जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दिक्कत एवं तकलीफ न आए। सरकार ने हमारे प्रवासी मजूदर भाई-बहनों की भी चिंता की। सभी को बसों एवं ट्रेन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 91 से अधिक ट्रेन तथा हजारों बस अभी तक लगाई गई हैं। साथ ही प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले तक भी मजदूरों को पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार उनके भोजन, राशन तथा उन्हें कार्य दिलवाने की भी व्यवस्था कर रही है। जिन मजदूर भाईयों का राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है। जो कार्य करना चाहते हैं तथा जिनका जॉब कार्ड नहीं है, पंचायतों के माध्यम से उनका जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें काम दिया जा रहा है। शासन ने निर्णय लिया है कि इन्हें संबल योजना की भी पात्रता होगी। संबल योजना गरीब का सुरक्षा कवच है जो उनकी हर आवश्यकता की पूर्ति करता है।