भोपाल, 21 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में रोजगार संबंधी कोई योजना बंद नहीं की गयी है।
श्री चौहान ने यहां मीडिया से कहा कि रोजगार संबंधी योजना का स्वरूप बदलने का विचार चल रहा है। इस पर कार्रवाई की जा रही है। युवा उद्यमी योजना हमने इसलिए बनायी थी कि प्रतिभाशाली युवा स्टार्टअप के जरिए उद्योगपति बन सकें। लेकिन विश्लेषण में पता चला कि युवा पहले से ही स्थापित हैं। जो ऐसे परिवारों से आते हैं, उन्हीं के परिजनों को लाभ जाता था।
श्री चौहान के मुताबिक उन्हें लगा कि जो जरुरतमंद है, उन्हें ही लाभ मिलना चाहिए। इसलिए फिर से योजना बनाने और स्वरूप बदलने का तय किया गया। नए स्वरूप में योजना आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लक्ष्य को भी पूर्ण करने में मददगार साबित होगी।
उन्होंने युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि हाल ही में दो फैक्ट्रियों का उदघाटन किया गया है। इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
श्री चौहान ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं है। वे तो युवाओं को बैंड बजाने और ढोर चराने का प्रशिक्षण दिलवा रहे थे। उन्होंने युवाओं को तबाह किया और अब सवाल पूछ रहे हैं।
इसके पहले श्री कमलनाथ ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि शिवराज सरकार किसाना विरोधी होने के साथ ही युवा और रोजगार विरोधी है। यह सरकार रोजगार वाली योजनाओं को बंद कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को ऋण मिलने के साथ साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करें और इन योजनाओं को तत्काल वापस प्रारंभ किया जाए।
स्वरोजगार योजनाओं में होगा सुधार: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की स्वरोजगार योजनाओं में परिवर्तन लाया जायेगा, जिससे प्रतिभावान युवाओं और गरीब एवं छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों को सम्मानजनक आजीविका और आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
श्री चौहान आज यहां मिंटो हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स ऋण वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 20 हजार ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स (ग्रामीण लघु व्यवसायियों) के खातों में सिंगल क्लिक द्वारा 10-10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त ऋण राशि पहुंचायी। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में ग्रामीण छोटे व्यवसासियों को 10-10 हजार रूपये का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के लिये बैंक से दिलाया जाता है। क्रेडिट गारन्टी राज्य शासन देता है। ऋण वितरण कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा, एम.एस. बेलवाल मंचासीन थे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण पथ विक्रेता निश्चिंत होकर अपना कारोबार करें। उनके आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण के लिये जहां जरूरत होगी राज्य सरकार साथ रहेगी। सरकार का प्रयास है कि पथ विक्रेताओं को रोजगार, सम्मान और सुरक्षा मुहैया करायी जाये ताकि वे स्वाभिमान के साथ अपना व्यवसाय करते हुये आगे बढ़ें और खुशहाल जीवन जियें।
श्री चौहान ने कहा कि एक समय बैंक से बड़े व्यवसाय करने वालों को ही ऋण मिलता था। बैंक लघु व्यवसाय करने वालों को ऋण नहीं देते थे। राज्य सरकार की योजना से लघु व्यवसाय करने वालों को सरकार की गारंटी पर लोन दिलवाया गया है। कोरोना काल में लघु व्यवसायियों का व्यवसाय बन्द हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी स्ट्रीट वेण्डर्स योजना बनायी और राज्य सरकार ने ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स योजना बनायी।
पहले लघु व्यवसायी, साहूकारों से ऊँची ब्याज दर पर राशि लेते थे। अब स्ट्रीट वेण्डर्स को इन साहूकारों से पैसा नहीं लेना पड़ेगा। राज्य सरकार ने सूद पर पैसा देने वालों को भी नियंत्रित करने का कानून बनाया है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर पर राशि देने वाले लायसेंस धारक साहूकार ही ब्याज पर पैसा दे सकते है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि देखा गया है कि बड़ी कम्पनियां छोटे-छोटे काम-धंधे भी शुरू कर रही हैं जिससे छोटे व्यवसायियों का रोजगार छिन सकता है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है कि ऐसे नियम बनाये जायेंगे जिससे कि छोटे व्यवसायियों का काम छिनने नहीं दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना के तहत 8 लाख 52 हजार से अधिक हितग्राहियों का पंजीयन किया जा चुका है। अब तक 60 हजार से अधिक हितग्राहियों को ऋण वितरण कार्य पूर्ण हो गया है। यह कार्य हर महीने आगे भी चलता रहेगा। योजना के पंजीकृत व्यवसासियों को उनके पहचान पत्र नगरीय निकायों, जनपद पंचायतों, ग्राम पंचायतों से दिये जायेंगे ताकि व्यवसाय करते हुये उन्हें सम्मान मिले। पुरूष पथ व्यवसासियों की पत्नियां भी स्व-सहायता समूहों से जुड़ रही हैं और अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर रही हैं।