भोपाल, 23 मार्च ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में आज रात चौथी बार शपथ लेने वाले श्री शिवराज सिंह चौहान की ख्याति राज्य ही नहीं, पूरे देश में ‘मामा’ के रूप में है और वे राज्य में सबसे अधिक समय तक (तेरह वर्ष से अधिक) मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर चुके हैं।
जीवन के इकसठ बसंत देख चुके श्री चौहान का जन्म सीहोर जिले के जैत गांव में साधारण किसान परिवार में पांच मार्च 1959 को हुआ। अपने पिता श्री प्रेम सिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान के लाड़ले श्री चौहान की अधिकांश शिक्षा भोपाल में पूरी हुयी और वे दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक के साथ स्नातकोत्तर तक शिक्षित हैं।
वर्ष 2003 से 2018 तक पंद्रह वर्षों की अवधि में भाजपा के शासनकाल में श्री चौहान तेरह वर्षों से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ दर्शन योजना और महिलाआें तथा बालिकाओं के कल्याण की अनेक योजनाओं की शुरूआत की। इन योजनाओं को अन्य राज्यों ने भी यथावत या किसी अन्य रूप में स्वीकार किया। इन योजनाओं और अपने भाषण के दौरान महिलाओं और बच्चों से विशिष्ट शैली में संवाद के कारण सभी उन्हें ‘मामा’ के नाम से पुकारने लगे और वे स्वयं भी इस बात को जनसभाओं में स्वीकारते भी।
दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद जब श्री चौहान ने त्यागपत्र दिया, तब उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस को भी बहुमत नहीं दिया है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत भाजपा की तुलना में कम है, अलबत्ता सीट कुछ अधिक होने पर वे कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर देते हैं।
साथ ही वे कहते आ रहे थे कि कांग्रेस अपने अंतर्विरोधों के कारण सत्ता से चली जाएगी और भाजपा की फिर से वापसी होगी। लगभग पंद्रह माह में यह बात सही साबित हुयी और श्री चौहान ने आज चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
लालजी टंडन ने शिवराज को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने आज रात यहां राजभवन में श्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी।
राजभवन में आयोजित संक्षिप्त एवं गरिमामय समारोह में श्री चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, विधायक और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण शपथ ग्रहण समारोह से मीडिया को भी दूर रखा गया। इस कार्यक्रम में बहुत ही कम लोगों को आमंत्रित किया गया था।
तोमर ने शिवराज को दी बधाई और शुभकामनाएं
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मध्यप्रदेश विधायक दल के नेता चुने जाने पर श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए आज कहा कि वे मुख्यमंत्री के रूप में राज्य को फिर विकास के पथ पर ले जाएंगे।
श्री तोमर के यहां स्थित कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में उन्होंने कहा है कि श्री चौहान राज्य की जनता की उम्मीदों पर पहले की तरह पूर्णतः खरा उतरेंगे। वे मध्यप्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिससे प्रदेश की अपेक्षाओं-आकांक्षाओं को भली-भांति जानते हैं।
श्री तोमर ने कहा कि श्री चौहान उनके परम मित्र है और उनके समेत सभी नेताओं की दिली इच्छा थी कि वे पुनः मध्यप्रदेश की कमान अपने हाथों में लें। सभी विधायकों और संगठन की भी यही राय थी। भाजपा ने सदैव लोकतांत्रिक मूल्यों को तरजीह दी है और पुनः यह साबित भी किया है।
श्री तोमर ने कहा कि भाजपा में व्यक्ति नहीं, बल्कि सिद्धांतों का महत्व है। भाजपा विधायक दल ने सर्वश्रेष्ठ चयन किया है और वे श्री चौहान का अभिनंदन करते हैं।
श्री तोमर ने कहा कि उनके समेत प्रदेशवासी भी जानते हैं कि जनहित के प्रति श्री चौहान कितने संवेदनशील रहते हैं। खेती-किसानी से लेकर समाज के सभी वर्गों की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें हल करने में श्री चौहान ने न पहले कोई कसर छोड़ी थी, ना ही अब कोई कमी रखेंगे। कांग्रेस सरकार ने पिछले कुछ महीनों में जो भी जनविरोधी काम किए, जनता उनसे दुःखी है, प्रदेश में विकास के कोई भी काम बीते महीनों में नहीं हुए हैं। इसका अफसोस है, लेकिन अब हमारा प्रदेश पुनः तरक्की की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
शिवराज, भाजपा विधायक दल के नेता बने, आज रात ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आज देर शाम यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता औपचारिक तौर पर सर्वसम्मति से चुना गया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अरुण सिंह ने श्री चौहान के नेता चुने जाने घोषणा की। विधायक दल का नेता औपचारिक तौर पर चुने जाने के साथ ही यह तय हो गया कि श्री चौहान ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
बैठक में श्री चौहान को नेता बनाने का प्रस्ताव श्री गोपाल भार्गव ने किया। इसका अनुमोदन श्री नरोत्तम मिश्रा और अन्य भाजपा विधायकों ने किया। इस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय पर्यवेक्षक ने मुहर लगा दी।
वहीं इसके साथ ही राजभवन में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी भी पूरी की गयी । श्री चौहान ने रात्रि में लगभग नौ बजे सादे, लेकिन गरिमामय समारोह में राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
विधायक दल की बैठक में श्री चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलावा एक सौ से अधिक पार्टी विधायक मौजूद रहे।
भाजपा विधायक दल की बैठक में गोपाल भार्गव ने कहा – शिवराज सिंह चौहान को बनाया जा रहा है मुख्यमंत्री। इससे पहले नेता चुनने के लिए मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक शुरू हुई जिसमें विधायकों ने श्री चौहान के नाम पर सहमति जताई ।
बैठक शाम छह बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई। कोरोना के मद्देनजर एहतियातन आवश्यक प्रबंध किए गए और बैठक में विधायकों को कम से कम 1-1 मीटर की दूरी पर बिठाया गया ।
बैठक में विधायक दल के नए नाम को लेकर चर्चा हुई और शिवराज सिंह चौहान का नाम मुख्यमंत्री के रूप मे घोषित कर दिया ।
बैठक कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में उठाए गए कदमों के बीच बड़े ही ऐहतियात के साथ हुई और केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने इस बैठक में वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया । बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लगाई गई ।
सूत्रों ने पहले ही कहा था कि राज्य के मौजूदा हालातों के बीच श्री चौहान को ही विधायक दल का नेता चुना जाना तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में श्री चौहान के अलावा पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के नाम भी आए थे।
श्री चौहान राज्य में लगभग तेरह वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्होंने दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया था। इसके बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच श्री कमलनाथ ने लगभग पंद्रह माह के कार्यकाल के बाद 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है।
गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष पद से दिया त्यागपत्र
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने आज यहां भाजपा विधायक दल की बैठक के ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया।
श्री भार्गव ने विधानसभा के प्रमुख सचिव अपना त्यागपत्र भेज दिया। श्री भार्गव ने त्यागपत्र तत्काल स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।