भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आयकर छापों से जुड़े कथित दस्तावेजों के सामने आने के बाद आज कहा कि सिर्फ कुछ चैनल ही इस संबंध में दिखा रहे हैं और इन सबके पीछे उद्देश्य क्या है, ये पूरा देश जानता है।
श्री कमलनाथ ने यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कुछ दस्तावेज मिलने की बात कही जा रही है। कौन से दस्तावेज किसके यहां से मिले। उसका क्या संबंध हैं मुझसे (कमलनाथ से)। यह सब नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों के बारे में बताया जा रहा है, उन्हें वे जानते तक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी करना है, कानूनी कार्रवाई की जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल राज्य में अभी बहुत से खुलासे होने वाले हैं। उनसे ध्यान कैसे मोड़ा जाए। इसके प्रयास हो रहे हैं। यही ऐसे लोगों का लक्ष्य लग रहा है।
दरअसल एक न्यूज चैनल ने आयकर विभाग की ओर से पिछले दिनों देश में इंदौर और भोपाल समेत कुछ स्थानों पर की गयी छापे की कार्रवाई से जुड़े दस्तावेज उसके पास होने का दावा किया है। इन दस्तावेजों के हवाले से करोड़ों रूपयों के लेनदेन के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके एक सहयोगी के बीच कथित टेलीफोन बातचीत का जिक्र भी किया गया है।
श्री कमलनाथ ने गाजियाबाद में उनके परिजन के एक संस्थान से जुड़े विवाद के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वहां पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अनुमति के बगैर कोई निर्माण नहीं होता है। प्राधिकरण ने भी कोई नोटिस नहीं दिया है। और निर्माण कार्य तीस पैंतीस साल पहले के हैं। यदि कोई अनियमितता होती, तो प्राधिकरण से अनुमति कैसे मिल जाती। जो कुछ भी किया जा रहा है, वह राजनैतिक प्रयास है। इसका जवाब कोर्ट में दिया जाएगा।
राज्य की पांच माह पुरानी कांग्रेस सरकार की स्थिरता को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद हुयी विधायक दल की बैठक में उनके (श्री कमलनाथ) समर्थन में एक सौ बीस विधायकों ने दस्तखत किए हैं।
दिसंबर 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पंद्रह वर्षों से सत्तारूढ़ भाजपा को बेदखल कर श्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनायी है। इसके बाद हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में पूरे देश के साथ ही कांग्रेस को मध्यप्रदेश में भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। मौजूदा राजनैतिक परिस्थितियों के चलते यदा कदा राज्य सरकार की स्थिरता को लेकर भी सवाल उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भाजपा के 109 विधायक हैं। कांग्रेस ने बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनायी है और वह सदन में बहुमत भी साबित कर चुकी है।
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