भोपाल, 15 दिसंबर । मध्यप्रदेश के नवनिुयक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि राज्य सरकार के प्रमुख के नाते उनका मुख्य जोर व्यवस्थाओं में सुधार लाने और सरकारी योजनाओं के ठाेस क्रियान्वयन पर रहेगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री कमलनाथ ने यहां कहा कि वे हमेशा व्यवस्था में सुधार के हिमायती रहे हैं। जब वे केंद्र सरकार में मंत्री थे, उस समय भी व्यवस्था में कई परिवर्तन करके बेहतर परिणाम हासिल किए थे। यही कार्य वे इस राज्य में भी करेंगे।
श्री कमलनाथ ने उदाहरण दिया कि राज्य में अनेक ऐसे विभाग और निगम मंडल हैं, जो काफी पुराने हैं। अनेक विश्वविद्यालय हैं। इसी तरह अनेक नियम भी हैं। इन सभी में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा सरकारी योजनाओं के (डिलेवरी सिस्टम) क्रियान्वयन में काफी सुधार की जरूरत है और इसे भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोई योजना विशेष हितग्राहियों को संपूर्ण लाभ दे पा रही है या नहीं। अथवा ऐसा तो नहीं है कि हितग्राही को योजना का लाभ रिश्वत देने पर मिल रहा है। इन सब चीजों पर नजर रखकर व्यवस्थाएं सुधारी जाएंगी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के चहुंमुंखी विकास और व्यवस्था में सुधार के लिए लोगों के ‘माइंड सेट’ में भी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। इस दिशा में भी कार्य किया जाएगा।
विकास कार्यों और कांग्रेस के वचनपत्र में दिए गए वचनों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संकेत दिए कि सरकारी खर्चों में कटौती की जाएगी। राज्य कोषालय पर ऋण का भार कम हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा नए संसाधन जुटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
राज्य में पंद्रह वर्षों बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी श्री कमलनाथ की अगुवायी में ही हुयी है और वे मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को यहां जंबूरी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेंगे।
अनुभवी नेता श्री कमलनाथ को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इसी वर्ष अप्रैल माह में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जिम्मा उनके हवाले कर दिया था। उन्होंने सभी वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बिठाकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित की।
उद्योगों के ॠण माफ हो सकतें हैं तो किसानों के क्यों नहीं:
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों का ऋण माफ करने के कांग्रेस के निर्णय पर सवाल उठाने वालों को आज आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब उद्योगों का ऋण माफ किया जा सकता है तो किसानों के मामले में एेसा क्यों नहीं किया जा सकता है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि राज्य की 70 प्रतिशत लोगों की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि क्षेत्र है। यह भी सच है कि हमारे यहां किसान ऋण की स्थिति में ही जन्म लेता और इसके बोझ तले ही जीवन व्यतीत करता है।
किसान आैर कृषि क्षेत्र बेहतर स्थिति में होने पर ही नगरीय और शहरी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था ठीक रहती है और बाजार भी इसी से रौनक रहते हैं। उन्होंने किसानों के ऋण माफ करने के कांग्रेस के फैसले पर अमल करने की प्रतिबद्धता जतायी।
किसानों के ऋण माफ करने के चुनावी वादे के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराज रमन के बयान परिप्रेक्ष्य में श्री कमलनाथ ने कहा कि वे ऐसी किसी भी बात से गुमराह होने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा ‘एसी कमरों में बैठकर बात करने वाले किसानों का दर्द नहीं समझ सकते हैं।’ उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब उद्योगपतियों के बड़े बड़े ऋण माफ कर दिए जाते हैं, तो किसानों के ऋण माफ क्यों नहीं हो सकते हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में किसानों के ऋण माफ करने का वचन दिया है। अब कांग्रेस की सरकार बनने पर सभी की निगाहें किसानों के ऋण माफ करने संबंधी वादे के अमल पर लगी हुयी हैं।
श्री कमलनाथ सोमवार को दोपहर में जंबूरी मैदान पर आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ पार्टी नेता और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं के अलावा प्रमुख उद्योगपतियों के भी मौजूद रहने की संभावना है।
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