भोपाल, 20 मार्च ।मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालयन ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शरद कौल का विधायक पद से त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया गया है।
श्री कौल ब्योहारी (अजजा) से विधायक हैं। सियासी उठापटक के बीच आज सुबह खबर आयी कि उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन बाद में बताया गया कि श्री कौल का त्यागपत्र लगभग दस दिन पहले आया था। इस बीच श्री कौल ने 16 मार्च को एक पत्र विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा।
इसमें लिखा कि उन्होंने विधानसभा से त्यागपत्र नहीं दिया है। श्री कौल ने कहा कि पूर्व में दबाव डालकर एवं उनकी इच्छा के विपरीत एक इस्तीफे पर हस्ताक्षर करा लिए गए थे और वो आपको (अध्यक्ष को) दे दिया गया था। इस इस्तीफे पर पर यह पत्र लिखने की दिनांक 16 मार्च तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, इसलिए दबाव डालकर लिखवाए गए इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जाए।
इस आधार पर विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने श्री कौल का त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया है।
दरअसल श्री कौल राजनैतिक घटनाक्रम के बीच कथित तौर पर कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे थे। श्री कौल और एक अन्य भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक अवसर पर विधानसभा में भाजपा में होने के बावजूद कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर चुके थे। श्री त्रिपाठी तो पिछले पखवाड़े के दौरान कम से कम आधा दर्जन बार मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और उनके प्रति समर्थन भी जताया था।
लेकिन आज श्री त्रिपाठी एक बार फिर पाला बदलते हुए दिखे और वे पूर्व गृह मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह के निवास पर पहुंचे। उन्होंने भाजपा के प्रति निष्ठा जाहिर की और नेताओं के अलावा मीडिया के समक्ष कहा कि वे भाजपा में थे, हैं और रहेंगे। श्री त्रिपाठी पहले समाजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं और वर्तमान में वे मैहर से विधायक हैं और विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुने गए थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा स्वीकार किया
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने शहड़ोल जिले के ब्यौहारी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शरद कोल का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है।
श्री प्रजापति ने आज यहां मीडिया से चर्चा में विधायक श्री कोल के इस्तीफे की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि श्री कोल का लिखित में इस्तीफा उन्हें प्राप्त हुआ था, जिस पर विचार करने के बाद उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के नाते इतने सारे इस्तीफे स्वीकार करना उनके लिए दुख की बात है।