मध्यप्रदेश से महिला प्रत्याशियों की संख्या में कांग्रेस हुई भाजपा से एक कदम आगे, कांग्रेस से 5 और भाजपा से 4 प्रत्याशी मैदान में attacknews.in

भोपाल, 24 अप्रैल । लोकसभा चुनावों के बाद अपनी सरकार बनने पर देश के दोनों ही प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, महिला सशक्तिकरण के भले ही कितने भी दावे कर लें, लेकिन महिलाओं को संसद में प्रतिनिधित्व देने के मामले में दोनों ही दलों के आंकड़े आधी आबादी के लिए आस जगाने वाले नहीं दिखाई देते।

मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने जहां एक ओर मात्र चार महिलाओं को टिकट दिए हैं, वहीं कांग्रेस के लिए ये संख्या पांच है।

देश की संसद में लंबे समय तक प्रदेश की महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर चुकीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद अब इन दोनों के संसदीय क्षेत्रों पर भी भाजपा ने पुरुष उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं।

भाजपा ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शहडोल से हिमाद्री सिंह, सीधी से रीति पाठक और भिंड से संध्या राय के नाम तय किए हैं। वहीं कांग्रेस ने खजुराहो से कविता सिंह, राजगढ़ से मोना सुस्तानी, टीकमगढ़ से किरण अहिरवार, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन और शहडोल से प्रमिला सिंह को मैदान में उतारा है।

भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राजो मालवीय ने इस बारे में कहा कि लोकसभा चुनाव में देश के आंकड़े देखकर बात होती है। पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है। भाजपा में संगठन में भी आरक्षण दिया जाता हैं, जो व्यवस्था अन्य दलों में नहीं मिलती। जीत की संभावनाओं को देख कर टिकट वितरण किया जाता है।

वहीं कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने स्वीकारोक्ति देते हुए कहा कि पुरुष प्रधान राजनीति में अगर महिलाओं को समान अवसर मिलते तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आरक्षण लाने की जरुरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला आरक्षण की प्रबल पक्षधर है और सत्ता में आते ही इस पर काम पूरा करेगी।

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