भोपाल 8 दिसम्बर ।मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज कहा कि वर्तमान सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है।
श्रीमती पटेल ने यहां नवगठित पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन अपने अभिभाषण में कहा कि उनकी सरकार ने हाल ही में कार्यभार ग्रहण किया है और सरकार गंभीर वित्तीय परिस्थिति से जूझ रही है। सरकार के राजस्व आधिक्य में पिछले छह सात वर्षों में निरंतर कमी आयी है और 2018 19 के बजट अनुमान में तो यह लगभग नगण्य हो गया है। इसके बाद अनुपूरक बजट में नयी योजनाएं शुरू की गयीं और इनकी गणना करें तो वास्तव में बजट राजस्व घाटे का हो गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 04 में राज्य का सकल ऋण 34 हजार 672 करोड़ रूपए था, जो वर्ष 2018 19 के बजट अनुमान के अनुसार बढ़कर एक लाख 87 हजार 636 करोड़ रूपए हो गया है।
उन्होंने कहा कि किसान राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के साथ ही खेती किसानी के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं सुगमता से सुलभ कराना सरकार का लक्ष्य है। सरकार वचनपत्र के अनुरूप किसान सशक्तिकरण और खेती किसानी से संबंधित सभी वचनों को पूर्ण करेगी।
श्रीमती पटेल ने कहा कि सरकार ने कार्यभार संभालते ही राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रतानुसार पात्र पाए गए किसानों के दो लाख की सीमा तक के बकारया फसल ऋण माफ कर दिए हैं। सरकार पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कृत संकल्पित है और ग्राम पंचायत स्तर तक गौशालाएं बनवाकर निराश्रित गोधन की समस्या को सुव्यवस्थित रूप से हल किया जाएगा।
मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज कहा कि राज्य की जीवनरेखा नर्मदा नदी के संरक्षण और प्रवाह को अविरल बनाए रखने के लिए मां नर्मदा न्यास अधिनियम लाया जाएगा।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार ने तेजी से कार्य करना शुरू कर दिया है और किसानों की ऋण माफी, आध्यात्म विभाग के गठन के साथ ही हाल ही के दिनों में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार ने जो कहा है, वह करके दिखाया है।
श्रीमती पटेल ने अभिभाषण में यह बात कही।
लगभग पंद्रह मिनट के अभिभाषण में उन्होंने कहा कि राज्य में इस बार लोगों ने नयी सरकार पर भरोसा जताया है। उन्हें विश्वास है कि नयी सरकार जन अपेक्षाओं और स्वयं को मिले जनादेश पर खरी उतरेगी। सरकार के किसान ऋण माफी, आध्यात्म विभाग का गठन, कन्या विवाह निकाह योजना की राशि में वृद्धि, उद्योग नीति में परिवर्तन कर 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार का प्रावधान, पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने और ऐसे ही अनेक फैसले इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने जो कहा, वह कर दिखाया है।
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