भोपाल, 17 फरवरी। मध्यप्रदेश की नवगठित 15 वीं विधानसभा का दूसरा सत्र 18 फरवरी 2019 से यहां प्रारंभ हो रहा है।
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि चार दिवसीय इस सत्र में तीन दिन बैठकें होंगी। जबकि 19 फरवरी को संत रविदास जयंती के मौके पर अवकाश है। 18 फरवरी से प्रारंभ होने वाला सत्र 21 फरवरी 2019 तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि विधायकों की तरफ से प्रश्नकाल में पूछे जाने के लिये 727 प्रश्न सचिवालय को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 309 प्रश्न पहली दफा चुने गये विधायकों की ओर से दिये गये हैं। इसके अलावा सत्र में 167 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करने की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
इसबीच, विधानसभा सत्र के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के विधायकों की रविवार को भोपाल में बैठक हुई। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सत्र में अपनाई जाने वाली रणनीति पर विचार विमर्श किया।
इससे पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने प्रदेश में हुए भारी संख्या में तबादलों के मामले में कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए निधाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में कर्मचारी, अधिकारियों का तबादला एक उद्योग बन गया है और कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में अधिकारियों का तबादला किया गया है। 42 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया लेकिन इनमें से 32 का तबादला निरस्त या संशोधित कर दिया गया।’’
भार्गव के आरोप का उत्तर देते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘मालूम होता है कि नेता प्रतिपक्ष भार्गव अपने 15 साल के पुराने भाजपा शासनकाल की बात कर रहे हैं। भाजपा शासन काल पूरा भ्रष्टाचार और व्यापंम, ई टेंडरिंग जैसे घोटालों से भरा था।’’
attacknews.in