भोपाल, सात जनवरी मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद 15 वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को यहां नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण के साथ शुरु हुआ। विधानसभा का पहला सत्र सात जनवरी से 11 जनवरी तक निर्धारित है।
सोमवार सुबह विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस पर प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति में परंपरा के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा, ‘‘ वर्ष 2003 में जब भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनी थी, उस समय वरिष्ठतम विधायक कांग्रेस की जमुना देवी को प्रोटेम स्पीकर बनाया था। मेरी किसी नाम को लेकर आपत्ति नहीं है लेकिन इस सदन में अनेकों वरिष्ठतम सदस्य है। गोपाल जी :भाजपा के गोपाल भार्गव:, केपी सिंह जी : कांग्रेस विधायक: और बिसाहुलाल सिंह जी :कांग्रेस विधायक: जैसे अनेक हैं लेकिन वरिष्ठतम सदस्य के स्थान पर केवल चार बार के विधायक :कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना: को प्रोटेम स्पीकर बनाना परंपरा को तोड़ना है। मैं इस परंपरा को तोडने पर आपत्ति प्रकट करता हूं।’’ चौहान की आपत्ति पर कैबिनेट मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि परंपरा का हर समय पालन किया जाये यह कोई आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रोटेम स्पीकर :सक्सेना: की नियुक्ति संविधान के अनुसार है और राज्यपाल ने संविधान के प्रावधानों की तहत ही उन्हें नियुक्त किया है।’’ इस संक्षिप्त नोंकझोंक के बाद स्पीकर दीपक सक्सेना ने विधायकों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुरु करवा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायक के तौर पर सबसे पहले शपथ ग्रहण की। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की।
गौरतलब है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से लोकसभा के सांसद हैं और फिलहाल मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।
विधायकों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम दो दिन 7 और 8 जनवरी को होगा। इसके बाद 8 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होगा और इसी दिन सदन में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विधानसभा का पांच दिवसीय पहला सत्र 11 जनवरी तक चलेगा।
प्रदेश की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस के 114 विधायक हैं जो कि पूर्ण बहुमत से दो कम हैं। कांग्रेस ने चार निर्दलीय , दो बसपा और एक सपा विधायक के समर्थन से प्रदेश में सरकार बनाई है। भाजपा के 109 विधायक हैं।
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