भोपाल, 20 दिसंबर । मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके चलते अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण करने के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और सत्र संपन्न हो गया।
हंगामे के दौरान भाजपा के सदस्यों ने दो बार आसंदी के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी भी की। अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सदस्यों को बार बार समझाइश दी कि वे शांत होकर सदन की कार्यवाही निर्विघ्न रूप से चलाने में सहयोग दें। शांति नहीं होने पर अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया। इस दौरान पांच विधेयकों को संबंधित मंत्रियों की ओर से पेश करने और बाद में उन्हें पारित कराने की औपचारिकता भी की गयी।
सत्र मंगलवार को प्रारंभ हुआ था। पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। फिर बुधवार और गुरूवार के बाद आज शुक्रवार को भी हंगामे की स्थिति बनी। इसके चलते अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण करने की औपचारिकता की और कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी।
सत्र 23 दिसंबर तक प्रस्तावित था। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश के बाद सोमवार को भी एक बैठक प्रस्तावित थी। इस तरह सत्र के दौरान पांच में से चार बैठकें हो पायीं।
भाजपा विधायक फिर पहुंचे मार्च करते हुए विधानसभा
मध्यप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य आज गरीबों के मुद्दों को लेकर पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे।
विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा समेत भाजपा विधायक ने यहां विधानसभा से कुछ दूर पहले एकत्रित हुए और फिर पैदल ही विधानसभा पहुंचे। इस दौरान भाजपा विधायक गरीबों को लेकर राज्य सरकार की नीतियों को लेकर नारेबाजी करते रहे। ये विधायक नारे लिखे वस्त्र (एप्रिन) पहने हुए थे।
शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। भाजपा विधायक पिछले तीन दिनों से किसी न किसी मुद्दे को लेकर इसी तरह मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे थे।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला सदन में उठा
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा में उठाते हुए हंगामा किया।
भाजपा विधायकों ने सदन में यह मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों के चलते अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की अधिकारी गौरी सिंह नौकरी छोड़ने के लिए विवश हुयी हैं। सदस्यों ने आरोप लगाया कि पोषण आहार से जुड़े माफिया के दबाव के कारण अधिकारी ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर हुयी हैं।
यह मामला उठाते हुए विधायक अध्यक्ष के अासन के पास पहुुंच गए। विपक्षी सदस्य एकसाथ बोल रहे थे और इसका प्रतिकार सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने भी किया। इस वजह से सदन में शोरगुल की स्थिति बन गयी।
श्रीमती गौरी सिंह द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिए जाने की जानकारी मीडिया में आयी है।
वर्ष 1987 बैच की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्तर की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती सिंह को हाल ही में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद से वे कथित तौर पर नाराज बतायी जा रही थीं।