भोपाल, 15 मार्च । मध्यप्रदेश में सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दिन के लिए कार्यसूची आज जारी कर दी गयी, जिसमें ‘फ्लोर टेस्ट’ का जिक्र नहीं है।
विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी कार्यसूची के अनुसार सोमवार को सुबह ग्यारह बजे कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद राज्यपाल का अभिभाषण होगा। कार्यसूची में क्रमांक एक पर जहां अभिभाषण का जिक्र है तो क्रमांक दो पर ‘राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव’ का जिक्र है।
टंडन से मिले विधानसभा के प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से आज यहाँ राजभवन में विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह ने मुलाकात की।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुलाकात के दौरान श्री सिंह ने श्री टंडन को विधानसभा सत्र संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
जयपुर से लौटे कांग्रेस विधायकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया
मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के जयपुर से लौटे विधायकों का आज यहां ऐहतियातन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और सभी स्वस्थ पाए गए।
राज्य के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि विधायकों को एेहतियातन स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और सभी स्वस्थ पाए गए।
कांग्रेस के लगभग 90 विधायक पांच दिनों से जयपुर के पास होटल में ठहरे हुए थे। देश में अनेक स्थानों पर कोरोना के मामले पॉजीटिव पाए जाने पर ऐहतियातन स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। ये विधायक आज ही विशेष विमान से जयपुर से लौटे हैं और उन्हेें यहां एक होटल में ठहराया गया है।
देर शाम ये सभी विधायक सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच मुख्यमंत्री निवास पहुंचे, जहां विधायक दल की बैठक में शामिल हुए।
राज्य में कल से विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र प्रारंभ होगा।
बंधक विधायक ले सकते हैं सीआरपीएफ की सुरक्षा: बच्चन
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने आज कहा कि बंगलूर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों को अगर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा चाहिए तो मध्यप्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। हालाकि मध्यप्रदेश पुलिस उन्हें सुरक्षा देने में पूरी तरह सक्षम है।
गृह मंत्री श्री बच्चन ने कहा कि बार-बार मीडिया के माध्यम से यह बात सामने आ रही है कि भाजपा द्वारा बंगलूर में बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों द्वारा सीआरपीएफ की सुरक्षा मिलने पर ही भोपाल आने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस सुरक्षा देने में पूरी तरह सक्षम है। फिर भी अगर बंधक बनाए गए विधायकों को यह महसूस होता है कि और मजबूत सुरक्षा चाहिए तो वे सीआरपीएफ की सुरक्षा ले सकते हैं।