भोपाल, 12 मई । मध्यप्रदेश की आठ संसदीय सीटों पर 12 मई को होने वाले मतदान में कांग्रेस के दो दिग्गजों दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत कुल 138 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी।
इस चरण में जिस सीट को लेकर सभी के बीच चर्चाओं का दौर गर्म है, वह भोपाल सीट है। भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मुकाबला भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से हो रहा है। दोनों प्रत्याशियों की छवि की बदौलत इस संसदीय क्षेत्र पर मुकाबला बेहद रोचक, लेकिन प्रमुखता से ‘धर्म’ आधारित हो गया है।
भोपाल में पिछले दिनों दोनों प्रत्याशियों के लिए साधु-संतों और पंडित-पुजारियों द्वारा किए गए अनुष्ठानों ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
श्री सिंह जहां कंप्यूटर बाबा की अगुवाई में किए गए अनुष्ठान में दिखाई दिए, वहीं सुश्री ठाकुर के समर्थन में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सुंदरकांड का पाठ किया। बेहद शांत तासीर के कहे जाने वाले भोपाल में इस बार मतदाता पहली बार ऐसी तस्वीरों से रु-ब-रु हुए।
चंबल संभाग की मुरैना सीट इस लोकसभा चुनाव एक बार फिर दो कद्दावर नेताओं के बीच मुकाबले के चलते चर्चाओं में है। यहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का मुकाबला पूर्व मंत्री रामनिवास रावत से हो रहा है। श्री तोमर इसके पहले ग्वालियर से सांसद थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें मुरैना से चुनावी रण में उतारा है। मध्यप्रदेश की जिन चुनिंदा संसदीय क्षेत्रों पर बहुजन समाज पार्टी का असर है, मुरैना भी उन्हीं में से एक है। यहां बसपा ने करतार सिंह भड़ाना को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है।
सिंधिया परिवार का गढ़ कही जाने वाली गुना संसदीय सीट के मतदाता भी इस बार कई रोचक दृश्यों के साक्षी बने।
श्री सिंधिया को उत्तरप्रदेश के एक हिस्से की कमान सौंपे जाने के कारण उनके अपने क्षेत्र में प्रचार की कमान पूरी तरह उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने संभाली।
श्रीमती सिंधिया इस क्षेत्र में बतौर महारानी पहचानी जाती हैं, लेकिन प्रचार अभियान के दौरान भीषण गर्मी के दौर में भी उन्होंने मतदाताओं से संपर्क में कोई काेरकसर नहीं छोड़ी।
इस संसदीय सीट पर इस बार मतदाता सिंधिया और सिद्धू टीम के बीच मैच के तौर पर एक नए अनुभव के साक्षी बने। मैच में श्री सिंधिया और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की बैटिंग ने लोगों का खासा मनोरंजन किया। यहां श्री सिंधिया का मुकाबला भाजपा के के पी यादव से हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की संसदीय सीट विदिशा पर भी सभी की नजरें गड़ी हैं। श्रीमती स्वराज के चुनाव लड़ने से इंकार करने के चलते भारतीय जनता पार्टी ने इस बार रमाकांत भार्गव को इस संसदीय क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के शैलेंद्र पटेल से हो रहा है।
इस हाईप्रोफाइल सीट पर विकास की कमी प्रमुख मुद्दा रही, वहीं श्रीमती स्वराज के अपने संसदीय क्षेत्र से ‘लापता’ होने के मुद्दे को भी कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया।
दलित आंदोलन से चर्चा में आई भिंड सीट पर कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी देवाशीष जरारिया पर दांव खेला है। श्री जरारिया भाजपा की संध्या राय के मुकाबले चुनावी मैदान में हैं।
वहीं ग्वालियर में इस बार भाजपा ने महापौर विवेक शेजवलकर को अपना चेहरा बनाया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के अशोक सिंह से हो रहा है।
राजगढ़ में कांग्रेस ने पहली बार किसी महिला पर भरोसा करते हुए यहां से मोना सुस्तानी को उतारा है। श्रीमती सुस्तानी मौजूदा सांसद भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के मुकाबले में हैं।
सागर में भाजपा की कमान राजबहादुर सिंह के हाथ में है, जो कांग्रेस प्रत्याशी प्रभु सिंह ठाकुर को चुनौती दे रहे हैं।
attacknews.in