भोपाल, 03 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होंगी, परन्तु जो विद्यार्थी चाहेंगे बाद में परीक्षा दे सकेंगे। आंतरिक मूल्यांकन का काम वैज्ञानिक पद्धति से होगा तथा शिक्षा मंत्रियों का समूह विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर इसकी प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेगा।
श्री चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की परीक्षाएं गत वर्ष के अनुसार ही होंगी।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा आदि उपस्थित थे। बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार वी.सी.से शामिल हुए।
उच्च शिक्षा की परीक्षाएं गत वर्ष अनुसार ओपन बुक पद्धति से होंगी। निर्धारित तिथि व समय पर विद्यार्थी को ऑनलाइन प्रश्न पत्र प्राप्त होगा, जिसका उत्तर वह घर बैठे ही उत्तर पुस्तिका में लिखकर नजदीकी संग्रहण केंद्र में जमा करा देगा। जिन विद्यार्थियों के घर पर इंटरनेट सुविधा नहीं होगी उन्हें नजदीकी शिक्षा संस्थान में परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी।
स्नातक तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा जून 2021 में होंगी तथा परिणाम जुलाई में आएगा। इसी प्रकार स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई में होंगी तथा परिणाम अगस्त तक आएगा। प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों में स्नातक कक्षाओं में कुल 14 लाख 88 हजार 958 तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में 3 लाख 08 हजार 117 परीक्षार्थी हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग की सभी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी तथा ओपन बुक पद्धति पर आधारित होंगी। परीक्षार्थी ऑनलाइन ही उत्तर लिखेंगे। समय 2 घंटे होगा। मूल्यांकन में 50 फीसदी पिछले सेमेस्टरों तक अर्जित सीजीपीए का अधिभार मान्य किया जाएगा। परीक्षाएं जून एवं जुलाई में होंगी तथा परिणाम 10 दिन में आ जाएंगे। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में कुल 1 लाख 87 हजार 811 परीक्षार्थी हैं।