हैदराबाद , 16 अप्रैल ।एनआईए की एक विशेष अदालत ने 2007 मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद सहित पांच आरोपियों को आज बरी कर दिया ।
करीब ग्यारह साल पहले हुये इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 अन्य लोग घायल हुए थे। मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
बहरहाल , उनमें से केवल पांच लोगों देवेंद्र गुप्ता , लोकेश शर्मा , स्वामी असीमानंद उर्फ नब कुमार सरकार , भरत मोहनलाल रतेश्वर उर्फ भारत भाई और राजेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर उनपर मुकदमा चलाया गया।
मामले के दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसांगरा फरार हैं और एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। अन्य दो आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है।
सुनवाई के दौरान 226 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और करीब 411 दस्तावेज पेश किए गए।
स्वामी असीमानंद और भारत मोहनलाल रातेश्वर जमानत पर हैं जबकि तीन अन्य इस समय न्यायिक हिरासत में केन्द्रीय जेल में हैं।
राजस्थान की एक अदालत ने अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में मार्च 2017 में गुप्ता और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
एनआईए की एक विशेष ने आज यहां २००७ मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद और चार अन्य लोगों को बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा.
यहाँ बड़े पैमाने पर हुुए विस्फोट में 8 मई, 2007 को मक्का मस्जिद के यहाँ भी विस्फोट हुुुआ, यहाँ शुक्रवार की नमााज़ के दौरान, नौ लोगों की मौत हो गई और ५८ घायल हुए थे ।
असीमानंद के वकील जे पी शर्मा ने NIA द्वारा मामलों में मेट्रोपोलिटन अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा कि “अभियोजन पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा जिन्होंने मामले में ट्रायल का सामना किया और इसीलिए अदालत ने उन्हें बरी कर दिया,”
शर्मा ने बताया कि,जिन्हें बरी किया गया हैं, उनमे : देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार, भरत मोहनलाल रतेश्वर उर्फ भरत भाई और राजेंद्र चौधरींनी शामिल हैं ।
मामले को सीबीआई को सौंपे जाने से पहले स्थानीय पुलिस ने शुरू में जांच की थी, और अंतत: २०११ में NIA को देश की प्रमुख आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी का दर्जा दिया गया ।
हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों से कथित संबंध वाले दस लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया था । हालांकि, इनमें से केवल पांच को ही बरी किया गया, जिन्हें आज ट्रायल का सामना करना पड़ा ।
दो अन्य आरोपी–संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसांगरा फरार हैं, जबकि सुनील जोशी की हत्या कर दी गई थी ।
दो अन्य अभियुक्तों के खिलाफ जांच जारी है ।
परीक्षण के दौरान कुल 226 गवाहों की जांच की गई और उतने ही 411 दस्तावेज रखे गए ।
स्वामी असीमानंद और भरत मोहनलाल रतेेेेश्वर जमानत पर बाहर थे, जबकि तीन अन्य को न्यायिक रिमांड के तहत यहां केंद्रीय कारागार में रखा गया था ।attacknews.in