नयी दिल्ली, 13 दिसंबर । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बलात्कार मामलों को लेकर कथित टिप्पणी पर शुक्रवार को लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से पूरा देश आहत हुआ है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले सदस्य को सदन में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
सदन में भाजपा सदस्यों के भारी हंगामे के बीच इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि गांधी के बयान से यह सदन और पूरा देश आहत हुआ है।
सिंह ने कहा, ‘‘ देश एक निर्यातक देश के रूप में खड़ा हो जाए इसलिए प्रधानमंत्री जी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर बल दिया है। ‘मेक इन इंडिया’ के साथ जिस तरह की तुकबंदी सदन के वरिष्ठ सदस्य राहुल गांधी द्वारा की गयी है, उससे पूरा देश आहत हुआ है। उनको सदन ही नहीं बल्कि पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।’’ इस दौरान सदन में राहुल गांधी मौजूद थे।
सदन में नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही दोपहर 12:15 बजे के तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही भाजपा की कई महिला सदस्य अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और राहुल गांधी से माफी की मांग करने लगीं।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने संसद पर 2001 में आज के दिन हुए आतंकी हमले की घटना का जिक्र किया और सदन ने हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बार किसी नेता ने इस तरह का बयान दिया है। यह भारत की महिलाओं और देश का अपमान है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि ‘‘क्या कांग्रेस नेता लोगों को भारत में महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं?’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल ने घोर आपत्तिजनक बयान दिया है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और द्रमुक की कनिमोई से सवाल किया कि राहुल गांधी के बयान के बारे में उनकी क्या राय है? कनिमोई ने कहा कि जिस बयान का हवाला दिया गया है वो सदन से बाहर का है। राहुल गांधी ने जो कहा है उसका मतलब है कि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
इस पर आपत्ति जताते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए, लेकिन द्रमुक नेता ने ऐसा नहीं किया।
जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कुछ अन्य मंत्रियों और भाजपा सांसदों संजय जायसवाल तथा लॉकेट चटर्जी समेत अन्य पार्टी सदस्यों ने भी राहुल गांधी से माफी की मांग की।
भाजपा सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए।
इस दौरान कांग्रेस सदस्य भी नारेबाजी कर रहे थे और पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी यह शिकायत करते नजर आए कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। दोनों पक्षों की नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से सीटों पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
हालांकि हंगामा थमता नहीं देख लगभग 11:30 बजे उन्होंने सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इनसे माफी कभी नहीं मागूंगा: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह सच्चाई है कि भारतीय जनता पार्टी देश के जिन राज्यों में शासन में हैं वहां महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रहीं हैं और उन्होंने अपने बयान में इसी हकीकत को उजागर किया है इसलिए वह माफी नहीं मांगेंगे।
श्री गांधी ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने देश के समक्ष वास्तविकता रखी है और उसको बयां किया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राजधानी दिल्ली को ‘रेप कैपिटल’ कह चुके हैं।
उन्होंने कहा “मैं इनसे माफी कभी नहीं मांगने वाला हूँ।”
उन्होंने कहा “श्री मोदी ने कहा था कि मेक इन इंडिया होगा। हमने सोचा कि अखबारों में मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया दिखाई देगा, मगर आज जब हम अखबार खोलते हैं, हमें सब जगह रेप इन इंडिया दिखाई देता है। कोई भी स्टेट नहीं है, जहाँ भाजपा का शासन हो और वहाँ महिलाओं पर बलात्कार नहीं हो रहा है।”
सदन और देश से माफी मांगे राहुल गांधी : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी को सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की आपत्तिजनक तुकबंदी के लिए सदन और पूरे देश से माफी मांगनी चाहिये।
इसी मुद्दे पर एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर बाद 12 बजे जैसे ही कार्यवाही दुबारा हुई असम के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच श्री सिंह ने कहा “सारा विश्व जानता है कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया पर जोर दे रहे हैं ताकि आयातक के रूप में जाना जानेवाला हमारा देश निर्यातक के रूप में खड़ा हो सके और नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके। इसकी जो तुकबंदी राहुल गाँधी द्वारा की गयी है उससे पूरा देश आहत है।”
उन्होंने सवाल किया क्या इस सदन में ऐसे भी लोग चुनकर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तर्क कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों ने भी पहले “इधर-उधरका शब्द” प्रयोग किया था उनसे खेद प्रकट करवाया गया है – चाहे वह साध्वी निरंजन ज्योति हों या श्री अनंत हेगड़े।
श्री सिंह ने कहा “ऐसे सदस्य को सदन में रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें यहां आकर सदन से और पूरे देश से माफी माँगनी चाहिये।”
इस दौरान श्री गांधी भी सदन में आ गये। जहां कांग्रेस के दो सदस्य अध्यक्ष के आसान के पास जाकर और अन्य सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर असम मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य भी आगे की सीटों तक आ गये और ‘राहुल गांधी माफी माँगो’के नारे लगाने लगे। वे हालांकि सदन के बीचों-बीच नहीं आये।
राहुल को तो समझ नहीं, सोनिया गांधी तो खेद प्रकट करे: प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि उन्हें तो समझ नहीं है लेकिन उनकी माता और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस पर खेद प्रकट करना चाहिए।
श्री गांधी ने झारखंड में एक रैली में सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ का जिक्र करते हुए कहा था कि इसको लेकर बड़ी बातें कही जा रही थी लेकिन अब जहां देखो वहां मेक इन इंडिया नहीं ‘रेप इन इंडिया’ है।
अध्यक्ष के समापन वक्तव्य पर विपक्ष का हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण: प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज लोकसभा अध्यक्ष के समापन वक्तव्य के दौरान
विपक्षी सदस्यों के हंगामे की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि संभवत: यह पहला मौका है जब सत्र के समापन से पहले अध्यक्ष के वक्तव्य के दौरान सदन में शांति नहीं रही और शोर शराबा होता रहा।
शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद श्री जोशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सदन की कार्यवाही स्थगित किये जाने से पहले जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समापन वक्तव्य दे रहे थे तो विपक्ष के सदस्य हंगामा करने में लगे थे। उनकी याद में यह पहला मौका है जब अध्यक्ष के समापन वक्तव्य के दौरान विपक्ष ने इस तरह से हंगामा किया।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह इसकी निंदा करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर राज्यसभा में हुए हंगामे के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा कांग्रेस का समर्थन करने पर भी उन्होंने हैरानी जतायी और इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि वैसे भी सदन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उत्तेजित नजर आये।
उन्होंने कहा कि कामकाज के लिहाज से इस सत्र में पिछले सत्र के बाद सबसे अधिक कामकाज हुआ। लोकसभा में कुल 18 विधेयक पेश किये गये। लोकसभा ने 14 तथा राज्यसभा ने 15 विधेयक पारित किये। पन्द्रह विधेयक ऐसे थे जिन्हें दोनों सदनों में पारित किया गया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में 116 फीसदी तथा राज्यसभा में 99 फीसदी कामकाज हुआ।
पिछले कुछ वर्षों से बजट के फरवरी के शुरू में ही पेश किये जाने को देखते हुए एक फरवरी को बजट आने की संभावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई तारीख तो नहीं बतायी लेकिन कहा कि इस बार भी इसी परंपरा का निर्वहन किया जायेगा। लोकसभा का उपाध्यक्ष इस सत्र में भी नहीं चुने जाने पर उन्होंने कहा कि समय पर इसका चुनाव कर लिया जायेगा।
व्यक्तिगत डाटा संरक्षण संबंधी विधेयक के लिए गठित संयुक्त समिति के अध्यक्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्रीमती मीनाक्षी लेखी इसकी अध्यक्ष होंगी। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में इस समिति का गठन किया गया तो कांग्रेस के सदस्यों ने अजीब मांग रखी कि इसके लिए स्थायी समिति गठित की जानी चाहिए जबकि अमूमन विपक्ष संयुक्त समिति के गठन की मांग करता है।