नयी दिल्ली, 04 फरवरी । किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के निरंतर हंगामे के कारण संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित होने के बाद आधे घंटे के लिए शून्यकाल चला।
चार बार के स्थगन के बाद रात साढ़े आठ बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते हुए शून्यकाल शुरू कर दिया।
लोकसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित
किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के अनवरत हंगामे के कारण संसद के बजट सत्र में लोकसभा का आज लगातार तीसरे दिन कामकाज ठप्प रहा और सदन की कार्यवाही चौथी बार डेढ़ घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
तीन बार के स्थगन के बाद शाम सात बजे कार्यवाही शुरू होते विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सदन की मर्यादा एवं शोभा सदस्यों के बैठने एवं चर्चा करने से होती है। आप सभी बड़े परिश्रम से चुनकर आये हैं। आप सब जो भी कहना चाहें, कहें। सरकार पूरी बात सुनने को तैयार है।
इसके बावजूद नारेबाजी होती रही। इसे देखते हुए श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही साढ़े आठ बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इससे पहले दो बार के स्थगन के बाद छह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और शोरशराबा जारी रहा जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही सात बजे तक स्थगित कर दी।
सायं काल तक स्थगित:
लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण तीसरे दिन आज लगातार तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी।
दो बार के स्थगन के बाद छह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और शोरशराबा जारी रहा जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही सात बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद पांच बजे सभापति मीनाक्षी लेखी ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाने के बाद कार्यवाही आरंभ की लेकिन हंगामा बढता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित की।
हंगामे के कारण लोकसभा में शून्यकाल भी नहीं चला
लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण लगातार तीसरे दिन ना प्रश्नकाल चल पाया और ना ही शून्यकाल।
एक बार के स्थगन के बाद पांच बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये।
पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाए और सदन को चलाने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा इससे ज्यादा हो गया जिसे देखते हुए श्रीमती लेखी ने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले अपराह्न चार बजे विपक्षी सदस्य कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामें के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और भाजपा के रमेश बिधूड़ी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा।
नारेबाजी और शोरशराबे के बीच ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिये। दिव्यांगों की सुविधा से जुड़े प्रश्न उठाने वाले श्री बिधूड़ी ने विपक्षी सदस्यों को उलाहना देते हुए कहा कि वे दिव्यांगों के हित के सवाल उठाने दें और सदन को बाधित नहीं करें।
सदन में जब नारेबाजी तथा हंगामा नहीं थमा तो श्री बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने कहा कि प्रश्नकाल विपक्ष के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें जनता के हित के विषयों पर सरकार जवाब देती है। इसलिए प्रश्नकाल बाधित नहीं करना चाहिए। लेकिन इसका विपक्षी सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।