नई दिल्ली, 17 अप्रैल । केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए चयन समिति में एक प्रख्यात न्यायविद् की रिक्ति को भरने की प्रक्रिया चल रही है,इसके बाद लोकपाल के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया कि पैनल में एक प्रख्यात न्यायविद् की इंडक्शन के लिए सिफारिश की गई है और प्रक्रिया चल रही है ।
खंडपीठ ने कहा कि इस स्तर पर किसी भी आदेश को पारित करना जरूरी नहीं समझता लेकिन कहा कि यह उम्मीद है कि जल्द लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
खंडपीठ ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए 15 मई को सूचीबद्ध किया है ।
वरिष्ठ अधिवक्ता पी पी राव पहले समिति में प्रख्यात न्यायविद् के रूप में नियुक्त थे लेकिन पिछले वर्ष निधन हो जाने के बाद पद रिक्त हो गया ।
कोर्ट चेन्नाई की एनजीओ कॉमन कॉज द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसने पिछले साल 27 अप्रैल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति न होने का मुद्दा उठाया है ।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले साल के फैसले में कहा था कि प्रस्तावित संशोधनों को लेकर निलंबित किए गए लोकपाल एक्ट के प्रवर्तन को रखने का कोई औचित्य नहीं है, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता के मुद्दे पर संसद द्वारा सफाई दी गई थी ।
कोोर्ट ने कहा कि अधिनियम में कानून का एक प्रतिष्ठित व्यावहारिक भाग था और “प्रावधानों के प्रवर्तन के लिए कोई भी कानून नहीं बना है.”
सेशन न्यायालय ने यह भी कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम २०१३ के लिए प्रस्तावित संशोधनों, और संसदीय स्थाई समिति के विचारों, अधिनियम के काम को कारगर बनाने के लिए प्रयास किया गया और कानूनी बाधा या बार इसके प्रवर्तन का गठन नहीं है ।attacknews.in