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चक्रवाती तूफान फोनी ने ओडिशा में तबाही मचाई, तेज बारिश से अस्त व्यस्त हुआ जनजीवन, 10 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित पहुंचाया attacknews.in

भुवनेश्वर, 03 मई । भयंकर चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा में पुरी के तटीय इलाकों में पहुंच गया है और शुक्रवार सुबह से पुरी तथा अन्य तटीय इलाकों में बारिश हो रही है तथा तेज हवाएं चल रही हैं।

तूफान के कारण भारी नुकसान होने की खबर है। राज्य के 14 जिलों के करीब 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकारों ने तूफान से निपटने की पूरी तैयारी कर ली।

फोनी आज सुबह पुरी से 20 किलोमीटर उत्तर तथा भुवनेश्वर से 25 किलोमीटर दक्षिण में पहुंच गया जिसके कारण तेज हवाओं ने संचार और बिजली सुविधाओं को तहस-नहस कर दिया। इसके कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर सड़कों पर गिर गये तथा मकानों और कई घरों काे क्षतिग्रस्त कर दिया।

राजधानी भुवनेवर में भी फोनी के कहर से सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ। यहां भी बिजली, संचार तथा यातायात समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित रहीं।

ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में फोनी का सबसे गंभीर कहर बरपा। विशेषकर पुरी, खोरदा और जगतसिंहपुर जिलों में फोनी के कारण भारी बारिश तथा करीब दो घंटे तक 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया।

विभिन्न स्थानों पर बिजली आपूर्ति अब भी बाधित है तथा संचार सेवाएं भी प्रभावित हैं। कई स्थानों पर सड़क, रेल एवं वायु सेवायें भी प्रभावित हैं। राज्य के तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश जारी है। नुकसान का अब तक सही आकलन नहीं किया जा सका है।

मौसम विभाग ने राज्य के 17 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। गंजम, गजपति, खोरदा ,पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर तटीय इलाकों के फोनी की चपेट में आने की आशंका जतायी गयी है।
इसके अलवा पश्चिम बंगाल में पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले, हावड़ा, हुगली, झारग्राम, कोलकाता के साथ ही श्रीकाकुलम, विजयनगरम और आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम जिला भी तूफान से प्रभावित हो सकता है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य के संवेदनशील इलाकों से करीब 10 लाख लोगों को निकालकर शिविरों में पहुंचाया जा चुका है। इनमें से अकेले गंजम और पुरी जिलों से ही क्रमशः तीन लाख और 1.3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशेष हेल्पलाइन 1938 शुरु की है जिस पर आपात स्थिति में संपर्क किया जा सकता है।

3 की मौत:

ओडिशा में भारी बारिश और प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ पहुंचने के बाद विभिन्न घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी।

पुरी जिले के सखीगोपाल थानाक्षेत्र में एक पेड़ टूटकर एक किशोर पर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई।

नयागढ़ जिले में कंकरीट के एक ढांचे का मलबा उड़कर एक महिला को जा लगा जिससे उसकी मौत हो गयी। वह पानी लेने गयी थी।

केंद्रपाड़ा जिले के देबेंद्रनारायणपुर गांव में एक शरणार्थी शिविर में 65 वर्षीय एक महिला की मृत्यु हो गयी। ऐसा संदेह है कि महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई

अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान फोनी शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे पुरी पहुंचा। इससे कई जगह पेड़ उखड़ गये, मकानों की छतें उड़ गयीं और संचार व्यवस्था ठप हो गयी।

अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ शुक्रवार सुबह पुरी तट पर पहुंचा जिससे कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।

समुद्र के किनारे बसे मंदिर शहर पुरी में कई इलाके और अन्य जगहों में पानी भर गया है। राज्य के सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है।

कई पेड़ उखड़ गए और भुवनेश्वर समेत कुछ स्थानों पर बनीं झोपड़ियां तबाह हो गई हैं।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने कहा, ‘‘चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा और चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा।’’

बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। चक्रवात के तट पर पूरी तरह पहुंचने की प्रक्रिया सुबह 11 बजे तक खत्म होने की संभावना है।

पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में प्रचंड हवा चल रही है।

उन्होंने बताया कि कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले और संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। इन लोगों को 4,000 शिविरों में ठहराया गया है जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि राजधानी भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

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