केंद्र सरकार ने आम चुनावों से पहले किसानों को साधने के लिए अंतरिम बजट में घोषणा की है कि दो एकड़ तक जमीन रखने वाले किसानों को हर वर्ष 6000 रुपये दिये जाएंगे।
विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास समारोह में मोदी ने कहा कि इसका लाभ लेह लद्दाख को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां अधिकतर किसान इस मानदंड को पूरा करते हैं और उन्हें सालाना 6000 रुपये मिलेंगे। तीन किश्तों में यह राशि दी जाएगी और पहली किश्त जल्द पहुंचेगी। मैं रविवार को राज्य सरकार को नीति निर्देश भेजूंगा।’’
मोदी ने कहा कि जब वह इस क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे तो दिल्ली के लोग लेह की सब्जियां लाने की मांग करते थे जिनकी गुणवत्ता अच्छी होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के लिए महत्वपूर्ण योजना है। दिल्ली में वातानुकूलित कमरों में बैठे लोग नहीं समझते कि देश के दूरदराज और दुर्गम इलाकों में रहने वाले गरीब किसान के लिए 6000 रुपये का क्या मतलब है।’’
मोदी लद्दाख क्षेत्र के पहले विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए लेह आये थे।
प्रधानमंत्री ने लेह में कुशोक बाकुला रिम्पोची हवाईअड्डे की नई टर्मिनल इमारत की भी आधारशिला रखी।
उन्होंने लद्दाख में नये पर्यटक और ट्रैकिंग मार्गों का भी उद्घाटन किया।
चुनावों से कुछ दिन पहले मोदी ने यह भी कहा कि वह आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं, उनका उद्घाटन करने भी आएंगे।
मोदी ने कहा कि इलाके में बिजली की समस्या को कम करने वाली 2000 करोड़ रुपये की लेह-कारगिल ट्रांसमिशन लाइन की आधारशिला उन्होंने रखी थी और इसका उद्घाटन भी वह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कार्य संस्कृति अलग है। देश लटकने और भटकने की संस्कृति को पीछे छोड़ चुका है। मुझे आने वाले पांच सालों में देश से इस संस्कृति को समाप्त करना है।’’
मोदी ने कहा कि लेह की जलवायु इतनी अच्छी है कि अगर हम अच्छे शिक्षण संस्थान बनाएं तो पूरे भारत के नौजवान यहां पढ़ने के लिए आना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे और एयरवेज के माध्यम से क्षेत्र से संपर्क का विस्तार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जिन्हें विकास का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार ने बंजारा जनजातियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया है जिन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना मुश्किल होता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के बजट में एससी और एसटी समुदाय के विकास पर जोर दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के बजट के लिए राशि में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी, वहीं एससी समुदाय के लिए 35 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।