वाशिंगटन, 19 जून । अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि भारतीय सीमा समेत कई मोर्चों पर चीन द्वारा की जा रही हरकतों से ऐसा लगता है कि बीजिंग का यह मानना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विश्व का ध्यान भटका है और वह उसका फायदा उठा सकता है।
पूर्वी एशियाई एंव प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का प्रशासन भारत-चीन की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
स्टिलवेल ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए पत्रकारों से कहा कि चीन की भारत में हालिया कार्रवाई उसकी डोकलाम सहित भारतीय सीमा पर पहले की गई गतिविधियों की तरह ही है।
स्टिलवेल ने कहा, ‘‘ कई मोर्चों पर चीन द्वारा ऐसा करने के पीछे वजह यह हो सकती है कि बीजिंग को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से उबर रही दुनिया का पूरा ध्यान लोगों की जान बचाने पर है, इस मौके को उसने फायदा उठाने के एक अवसर के तौर पर देखा होगा।’’
चीन के भारत सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रामक रवैया अपनाने पर किए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस पर सरकार का आधिकारिक रुख स्पष्ट नहीं कर रहा हूं लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसके द्वारा ऐसा करने के कई स्पष्टीकरण मौजूद हैं।’’
स्टिलवेल ने कहा, ‘‘ हम जाहिर तौर पर भारत-चीन सीमा विवाद पर करीबी नजर रख रहे हैं।’’
द्विपक्षीय संबंधों और कोरोना वायरस महामारी पर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिएची के बीच हवाई में बैठक के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में उन्होंने यह बयान दिया।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी मारे गए थे।
इस बैठक में भारत-चीन विवाद का मुद्दा उठा या नही इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि विदेश विभाग के अधिकारी ने क्षेत्र में हाल में चीन के बर्ताव को लेकर चिंता जरूर जतायी।
प्रतीत होता है कि पीएलए ने भारतीय क्षेत्र को कब्जाने के इरादे से झड़प शुरू की: अमेरिकी सांसद
इसी तरह एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के संदर्भ में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के इरादे से झड़प शुरू की।
सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैकोनेल ने बृहस्पतिवार को विदेश नीति पर सदन में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि पीएलए ने जमीनी क्षेत्र हड़पने के मकसद से चीन और भारत के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद की सबसे हिंसक झड़प के लिए उकसाया।’’
गलवान घाटी क्षेत्र में सोमवार रात दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में एक कर्नल और 19 अन्य भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए। चीन के सरकारी मीडिया ने चीनी पक्ष में भी जवानों के हताहत होने की बात स्वीकार की है लेकिन संख्या नहीं बताई।
मैकोनेल ने कहा, ‘‘दुनिया को इससे अधिक स्पष्ट उदाहरण नहीं मिल सकता है कि चीन अपनी सीमा के भीतर लोगों से क्रूरता कर रहा है और दुनिया के नक्शे को पुन: तैयार करके अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती दे रहा है और अपने हिसाब से उसे बदलने की कोशिश कर रहा है।’’
शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा कि ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ ने कोरोना वायरस महामारी का इस्तेमाल हांगकांग में अपने दमनकारी कदमों को छुपाने और क्षेत्र में अपना नियंत्रण एवं प्रभाव बढ़ाने के लिए किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र में उसने जापान में सेनकाकु द्वीप के निकट कदम आगे बढ़ाए हैं। आसमान में, चीनी विमान विभिन्न समय पर ताइवानी वायुक्षेत्र में घुसे हैं।’’
इस बीच, सांसद जिम बैंक्स ने भारतीय दूरसंचार नेटवर्क से हुआवेई और जेडटीई को प्रतिबंधित करने के भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘… भारत डरेगा नहीं। समझदारी से लिया गया मजबूत फैसला।’’