नयी दिल्ली , तीन मई । आम आदमी पार्टी ( आप ) से नाराज चल रहे नेता कुमार विश्वास ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ उनके बयान पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अरविंद केजरीवाल से मिली सूचना पर आधारित था।
अदालत में मौजूद विश्वास ने न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला से कहा कि कोई बयान देने या जेटली से माफी मांगने से पहले वह जानना चाहते हैं कि क्या केजरीवाल ने पूर्व में झूठ बोला था।
वह यह भी जानना चाहते हैं कि क्या केजरीवाल ने जेटली से माफी मांगने से पहले झूठ बोला था या उनके माफी मांगने की वजह झूठ जैसी है।
अदालत ने विश्वास से 26 अप्रैल को यह स्पष्ट करने के लिए मौजूद रहने का निर्देश दिया था कि क्या वह मानहानि के मामले में जेटली से जिरह करना चाहते हैं या नहीं।
केजरीवाल और आप के चार नेता राघव चड्डा , संजय सिंह , आशुतोष और दीपक वाजपेयी के जेटली से माफी मांगने के बाद विश्वास अब एकमात्र ऐसे व्यक्ति बचे हैं जिनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चल रहा है।
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री ने इन लोगों के खिलाफ 10 करोड़ रूपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
जेटली ने केजरीवाल और आप के पांच नेताओं के खिलाफ दिसंबर 2015 में एक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इन नेताओं ने जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन ( डीडीसीए ) के अध्यक्ष रहते हुये वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ने सभी आरोपों का खंडन किया था।
जेटली की ओर से पेश हुये वकील माणिक डोगरा ने विश्वास की इस दलील को स्वीकार करने से इंकार कर दिया कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं का ही अनुसरण किया था। डोगरा ने कहा कि पूर्व में आरोप लगाते समय उन्होंने दस्तावेज देखने का दावा किया था।
डोगरा ने कहा , ‘‘ वह अब नहीं कह सकते हैं कि उन्होंने वही कहा जैसा की अन्य लोगों ने कहा। ’’ उन्होंने कहा कि विश्वास को भी अन्य लोगों की तरह ही बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
माफी मांगने को लेकर किसी प्रकार की दिक्कत के बारे में न्यायाधीश द्वारा पूछे जाने पर विश्वास ने अदालत में हिन्दी में कहा कि वह जेटली को हुये किसी भी तरह के नुकसान या क्षति के लिए दुखी हैं लेकिन मामले के निस्तारण के लिए क्या बयान दें इस पर निर्णय लेने के लिए उन्हें और समय की जरूरत है।
विश्वास के अनुरोध पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 मई के लिये सूचीबद्ध की है।
आप नेता ने कहा कि केजरीवाल और अन्य ने निर्णय लेने वाली प्रक्रियाओं में उन्हें शामिल किये बगैर माफी पर निर्णय लिया। वह इसके बारे में , उनकी माफी के बारे जानकारी लेंगे जो अनुत्तरित रह गये हैं।
अदालत के समक्ष निपटारे के लिए एक संयुक्त आवेदन दायर किये जाने के बाद उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के चार नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा बंद कर दिया।
इसी तरह की एक याचिका उसी दिन एक निचली अदालत में भी दायर की गयी थी जिसने आपराधिक मानहानि मामले में विश्वास को छोड़ कर मुख्यमंत्री और अन्य को बरी कर दिया था।attacknews.in