कोलकाता, 20 मई । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं और नारदा स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार शहर के एक पूर्व मेयर की जमानत मंजूर किये जाने के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई अपरिहार्य परिस्थिति का हवाला देते हुए टाल दिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया गया कि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण आज प्रथम श्रेणी पीठ बैठ नहीं सकेगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ निचली अदालत द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेताओं और शहर के पूर्व महापौर को सोमवार को दी गई जमानत पर पुनर्विचार करने के लिए सीबीआई द्वारा एक आवेदन पर सुनवाई कर रही है।
उच्च न्यायालय ने सोमवार रात मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को निचली अदालत से मिली जमानत पर रोक लगा दी थी।
सीबीआई ने जिन्हें नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किया और उन विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था।
खंडपीठ ने कहा था कि उसने विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना उचित समझा और निर्देश दिया “आरोपियों को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।” बुधवार को इस मामले की सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांच की जा रही।
नारदा स्टिंग मामले के सिलसिले में चारों नेताओं को सोमवार सुबह शहर में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआइ अदालत ने उसी दिन शाम में इन सभी को जमानत दे दी थी, लेकिन देर रात में कोलकाता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाते हुए 19 मई तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया था।