कोलकाता, 14 मई । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के शहर में मंगलवार को हुए विशाल रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हालांकि शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी जब विद्यासागर कॉलेज के भीतर से टीएमसी के कथित समर्थकों ने उनके काफिले पर पथराव किया जिससे दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़प हुई।
गुस्साए भाजपा समर्थकों ने भी उसी तरह प्रतिक्रिया दी और कॉलेज के प्रवेशद्वार के बाहर टीएमसी प्रतिद्वंद्वियों के साथ मारपीट करते नजर आए।
बाहर खड़ी कई मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया गया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा भी झड़प के दौरान तोड़ दी गई। पुलिसकर्मी पानी भरी बाल्टियों से आग बुझाने की कोशिश करते देखे गए।
रोडशो के लिए तैनात किए गए कोलकाता पुलिस के दस्ते ने तुरंत हरकत में आते हुए इन समूहों का पीछा किया।
शाह ने एक टीवी चैनल से कहा, “टीएमसी के गुंडों ने मुझ पर हमला करने की कोशिश की। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया। लेकिन मैं सुरक्षित हूं।”
शाह ने कहा कि झड़पें होने के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें बताया था कि रोडशो की इजाजत कॉलेज के पास समाप्त होती है और उन्हें स्वामी विवेकानंद के बिधान सारणी के पैतृक आवास पर ले जाया जाएगा।
शाह ने दावा किया, “वे (पुलिस) नियोजित मार्ग से हट गए और उस रास्ते पर ले गए जहां ट्रैफिक जाम था। मुझे श्रद्धांजलि देने के लिए विवेकानंद के आवास पर नहीं जाने दिया गया और मैं इससे दुखी हूं।”
बनर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह को “गुंडा” बताया।
उन्होंने शहर के बेहाला की रैली में कहा, “अगर आप विद्यासागर तक हाथ ले जाते हैं तो मैं आपको गुंडे के अलावा क्या कहूंगी।”
उन्होंने कहा, “मुझे आपकी विचारधारा से घृणा है, मुझे आपके तरीकों से नफरत है।”
साथ ही उन्होंने विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़े जाने के खिलाफ बृहस्पतिवार को एक विरोध रैली की घोषणा की।
इससे पहले यह तनाव तब बढ़ गया था जब अमित शाह के काफिले के कॉलेज स्ट्रीट और स्वामी विवेकानंद के निवास के लिए उत्तरी कोलकाता में बिधान सारणी से गुजरते वक्त पथराव किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज स्ट्रीट पर कलकत्ता विश्वविद्यालय परिसर के बाहर झड़प तब शुरू हो गई जब एक समूह ने शाह के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी।
हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया था।
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