खरगोन, 16 मई । मध्यप्रदेश के खरगोन संसदीय क्षेत्र में जहां कांग्रेस ऋण माफी योजना की बदौलत विधानसभा चुनाव के परिणामों से उत्साहित होकर अब लोकसभा चुनावों में न्याय योजना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विकास और राष्ट्रवाद को मुद्दा बना रही है।
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में खरगोन-बड़वानी संसदीय क्षेत्र में 19 मई को मतदान होना है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित खरगोन संसदीय क्षेत्र में खरगोन के चार विधानसभा क्षेत्र खरगोन, कसरावद, महेश्वर तथा भगवानपुरा सम्मिलित हैं जबकि बड़वानी जिले के बड़वानी, राजपुर, सेंधवा तथा पानसेमल विधानसभा क्षेत्र आते हैं। क्षेत्र में 18 लाख 34 हजार 12 मतदाता हैं, जिनमें नौ लाख 28 हजार 781 पुरुष तथा नौ लाख 5 हजार 212 महिला मतदाता हैं। यहां दो हजार 350 मतदान केंद्रों पर मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
खरगोन सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां पिछले 10 में से 7 चुनाव जीते हैं लेकिन हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा था। दोनों मुख्य दलों के अलावा बहुजन समाज पार्टी तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही फिल्मी कलाकार जानी करण भी तीन निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में शामिल हैं।
जहां कांग्रेस ऋण माफी योजना के चलते इस संसदीय क्षेत्र की आठ में से छह सीट जीत कर उत्साहित है और अब न्याय योजना पर ध्यान केंद्रित कर लोकसभा चुनावों में भी परिणाम दोहराने के लिए प्रयासरत है। वहीं भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि, विकास, राष्ट्रवाद व देश की सुरक्षा को मुद्दा बना कर सफलता के लिए आशान्वित है।
विधानसभा चुनाव के लिहाज से देखा जाए तो इस संसदीय क्षेत्र की कुल 8 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 6 विधानसभा सीटें प्राप्त हुई है और उनका एक बागी उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में जीता है जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास एकमात्र बड़वानी की सीट है।
गत 11 मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खरगोन दौरे में उन्होंने अपने भाषण को न्याय योजना पर केंद्रित रखा था। इसके चलते कांग्रेस ऋण माफी योजना के तर्ज पर इसे भुनाने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस से डॉ गोविंद मुजाल्दे काे प्रत्याशी घोषित किया, इसके बाद बड़वानी के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखलाल परमार ने उनके प्राथमिक सदस्य न होने और पैराशूट उम्मीदवार का आरोप लगाते हुए विरोध किया था । हालांकि काफी मान मनौव्वल के उपरांत श्री परमार के चुनाव न लड़ने के फैसले की वजह से अधिकृत प्रत्याशी श्री मुजाल्दे को राहत मिल गयी थी।
इस संसदीय क्षेत्र की विधानसभा कसरावद के निवासी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के खंडवा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के चलते बड़वानी तथा खरगोन जिले के उनके काफी संख्या में समर्थक खंडवा क्षेत्र में प्रचार कार्य में जुटे हैं। इसलिए डॉ मुजाल्दे को अपनी व्यूह रचना बनाने के लिये शुरुआती दौर में संघर्ष करना पड़ा।
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मुजाल्दे ने आरोप लगाया कि नोटबंदी तथा जीएसटी के चलते क्षेत्र में अराजकता फैली और हजारों लोग बेरोजगार हो गए। डॉ मुजाल्दे ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार, पलायन व रोजगार के लिए बड़ी इंडस्ट्री के विकास को भी मुद्दा बनाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर भारतीय जनता पार्टी मतदाताओं को नहीं रिझा पाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि विधानसभा चुनाव में फसल ऋण माफी योजना का प्रभाव पड़ा था और लोकसभा चुनाव में न्याय योजना कारगर सिद्ध होगी।
दूसरी ओर खरगोन संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद सुभाष पटेल को टिकट न देते हुए इस बार भारतीय जनता पार्टी ने गजेंद्र पटेल पर भरोसा जताया है। श्री पटेल भगवानपुरा से विधानसभा चुनाव तथा बड़वानी का नगरपालिका चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर हुए विकास से नागरिक उत्साहित हैं। उन्होंने दावा किया कि खरगोन संसदीय क्षेत्र में सिंचाई की सुविधाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी के चलते यहां का किसान खुशहाल हुआ है।
इस क्षेत्र की कुल जमा 10 विधानसभा सीटों में से 9 सीट भारतीय जनता पार्टी के खो चुकने के कारण भाजपा का इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार पर ज्यादा जोर है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ताबड़तोड़ कई जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। वहीं 17 मई को भारतीय जनता पार्टी खरगोन जिला मुख्यालय पर प्रधानमंत्री श्री मोदी की सभा को लेकर काफी उत्साहित है।
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