केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की राज्यों को नसीहत; CAA खालिस और खालिस केन्द्रीय सूची का विषय है attacknews.in

जयपुर, 18 जनवरी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पूरी तरह से केंद्रीय सूची का विषय है और सभी राज्यों को इसे लागू करना ही पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा ज्ञान की परंपरा है।

यहां एक कार्यक्रम में आए खान से जब अनेक राज्य सरकारों द्वारा सीएए का विरोध किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘सीएए खालिस और खालिस केंद्रीय सूची का विषय है, ये राज्य सूची का विषय नहीं है। हम सभी को अपने अधिकार क्षेत्र को पहचानने की जरूरत है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या विरोध कर रही राज्य सरकारें इसे लागू करेंगी, उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कोई चारा नहीं है, उन्हें लागू करना ही पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग किसी भी विषय पर अपनी अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है। बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए, हमें अपनी राय देने का अधिकार है, अपनी राय पर अड़े रहने का अधिकार है, अपनी बात के लिए विरोध करने का भी अधिकार है लेकिन यह अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाएं तोड़ें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी मुद्दे पर मतभेद होने पर बौद्धिक शक्ति का प्रयोग करके आप उस पर तर्क दे सकते हैं, यह अधिकार हर किसी को है। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय में जाकर उसको चुनौती देने का अधिकार है।’’

खान ने कहा कि सीएए जैसे मुद्दे का विरोध पहली बार नहीं हो रहा। इससे पहले भी जब केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को पलटा था तो बहुत विरोध हुआ था। उसके बाद भी बड़े आंदोलन हुए।

उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा ज्ञान की परंपरा है जिसे पुनर्जीवित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा,‘‘ हमारा शोषण कोई तभी कर सकता है जब हम खुद इसके लिए तैयार हों। ऐसा एक ही स्थिति में होता है, वह है अज्ञान की स्थिति। उसका हर कोई फायदा उठा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘’मैं तो जोर देता हूं कि हमें खुद अपनी परंपरा याद रखनी चाहिए। हम समझ रहे हैं कि अशिक्षा, दरिद्रता, अज्ञान जैसे ये हिंदुस्तान का प्रतीक (हॉलमार्क) है। नहीं, ये नहीं है हिंदुस्तान का हॉलमार्क। हिंदुस्तान का हॉलमार्क है ज्ञान। उसको पुनर्जीवित करिए।’’

राज्यपाल लोगों की इच्छा अनुरूप कार्य करें: सिब्बल

उधर कोझीकोड, से खबर है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के साथ मिलकर कार्य करें।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के बीच राज्य सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ बिना उनकी जानकारी के उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के खिलाफ हुए विवाद पर श्री सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल को भी कानून के दायरे में रहकर काम करना होता है और वह खुद कानून से बंधे हुए हैं।

राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार की याचिका का विरोध करने पर उनकी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल अपने आप को भगवान से ऊपर समझते हैं। श्री सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा द्वारा सीएए के खिलाफ एकमत होकर पास किए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।