तिरूवनंतपुरम, पथनमथिट्टा (केरल), 16 अप्रैल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि वह जवानों की वीरता और उनकी शहादत को राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘भूना रहे हैं।’’
कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलपुझा और तिरूवनंतपुरम जिले में सभाओं को संबोधित करते हुए गांधी ने मोदी और संघ परिवार को कई मुद्दे पर घेरा लेकिन वह राज्य की माकपा नीत एलडीएफ सरकार पर हमला करने से बचते रहे।
गांधी ने तिरूवनंतपुरम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अगर सेना और वायुसेना कोई कार्रवाई करती है तो श्रेय उन्हीं को जाता है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री उन्हें श्रेय नहीं देते। क्योंकि उन लोगों ने अपना खून बहाया है। उनके परिवार को पीड़ा हुई है और इसका श्रेय उनको जाता है।’’
पुलवामा आतंकवादी हमले पर कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी त्वरित प्रतिक्रिया मामले का राजनीतिकरण करना नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक मुद्दा नहीं था जिसे भुनाया जा सके। मैंने अपने शहीदों और जवानों को नहीं भुनाया। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ऐसा नहीं सोचते। हमारे प्रधानमंत्री राजनीतिक फायदे के लिए जवानों की वीरता को भुनाते हैं।’’
राफेल जेट सौदे में कथित भ्रष्टाचार, नोटबंदी और बढ़ती बेरोजगारी पर मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने भगवा दलों पर एक विचारधारा ‘‘थोपने’’ के लिए हमला किया।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी एक विचारधारा नहीं थोपना चाहती।
संघ परिवार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि देश भाजपा और आरएसएस की ओर से ‘‘हमले का सामना’’ कर रहा है जो अपनी आवाज के अलावा अन्य सभी आवाजों को दबाना चाहते हैं।
गांधी ने यहां कोल्लम जिले के सेंट स्टीफन कालेज मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में देश के लोगों का शासन होना चाहिए, किसी एक विचारधारा या व्यक्ति का नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वर्तमान में हमारा देश भाजपा और आरएसएस की ओर से हमले का सामना कर रहा है। वे अपनी आवाज के अलावा अन्य सभी आवाजों को दबाना चाहते हैं। उनका मानना है कि भारत में केवल एक विचार का शासन होना चाहिए जबकि हमारा मानना है कि भारत में लोगों का शासन होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा इसमें विश्वास नहीं है कि भारत में एक व्यक्ति का शासन होना चाहिए। वे कहते हैं कि यदि आप उनके विचारों में विश्वास नहीं करते तो वे आपको नष्ट कर देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं कांग्रेस मुक्त भारत। इसका मतलब है कि वे भारत में कांग्रेस के विचार को मिटा देंगे। लेकिन हम कह रहे हैं कि हम आपसे सहमत नहीं हैं। हम यह साबित करने के लिए संघर्ष करेंगे कि आप गलत हैं। हम आपको चुनाव में हराएंगे। लेकिन हम आपके खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल नहीं करेंगे…।’’
कांग्रेस प्रमुख ने दूसरी सीट के तौर पर वायनाड से चुनाव लड़ने के अपने निर्णय पर कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि देश में प्रत्येक व्यक्ति महसूस करे कि प्रत्येक आवाज मायने रखती है और इसलिए केरल में वायनाड को सहिष्णुता और विभिन्न संस्कृतियों को समझने के उसके इतिहास के चलते चुना।
गांधी ने कहा, ‘‘मैंने केरल को इसलिए चुना क्योंकि आप बहुत अच्छे उदाहरण हैं…आपकी सहिष्णुता का इतिहास, विभिन्न संस्कृतियों को समझने का इतिहास, बाकी दुनिया से जुड़ने का इतिहास, हीन भावना के साथ नहीं बल्कि खुलेपन के साथ और भय के साथ नहीं बल्कि आत्मविश्वास के साथ …।’’
उन्होंने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में, हमारे प्रधानमंत्री ने कई वादे किए। दो करोड़ रोजगार के अवसर… बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा कराना…किसानों को समर्थन मूल्य…।’’
गांधी ने लोगों से पूछा कितने लोगों के खाते में प्रधानमंत्री के वादे के मुताबिक पैसे आए।
उन्होंने राज्य के काजू किसानों से वादा किया कि सत्ता में आने पर वह उनसे जुड़े मुद्दे उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम काजू की खेती को एक व्यवहार्य विकल्प बनाने में मदद करने के लिए चर्चा शुरू करेंगे।’’
गांधी ने राफेल सौदे का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि अनिल अंबानी को सौदे से मिले 30,000 करोड़ रुपये नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून) के एक वर्ष के बराबर है।
उन्होंने कहा, ‘‘राफेल सौदे से अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये मिले। प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद की बात करते हैं और सबसे बड़ा रक्षा सौदा उस कंपनी को देते हैं जिसे कोई अनुभव नहीं है…लाखों लोगों को नरेगा से काम मिलता है लेकिन यहाँ एक आदमी को 30,000 करोड़ रुपये मिलते हैं। उन्होंने देश के 15 सबसे अमीर लोगों को 3.50 लाख करोड़ रुपये दिए हैं…।’’
गांधी ने किसानों के लिए अलग बजट का वादा करते हुए कहा कि वह राज्य सरकार से कहेंगे कि वह राज्य में काजू किसानों से किए गए वादे पूरे करे।
गांधी ने राज्य में एक बार फिर माकपा नीत एलडीएफ सरकार पर हमला करने से परहेज किया। उन्होंने हालांकि राज्य से चुनाव लड़ने के लिए उन्हें दिए गये समर्थन के लिए ‘‘हर केरलवासी को, चाहे वह किसी भी पार्टी से सम्बद्ध हो, धन्यवाद दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आपकी आवाज में रुचि है। हमें आपके दिल से भय दूर करने में रुचि है। हम किसी भी बातचीत के लिए तैयार हैं। हम यहां आप पर विचारधारा थोपने के लिए नहीं हैं। आप हमारी विचारधारा हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी आवाज हमारी विचारधारा है। क्योंकि हम समझते हैं कि आपकी आवाज के बिना यह देश निरर्थक है। इसलिए हम निष्पक्षता और न्याय के लिए लड़ रहे हैं।’’
गांधी ने कहा, ‘‘….मैं कहना चाहूंगा कि देश के इस हिस्से से लड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।’’
वह कल वायनाड में चुनाव प्रचार के लिए जाने से पहले आज राज्य में तीन और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
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