जम्मू 8 नवम्बर । जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने इस वर्ष करीब 170 आतंकवादियों को मार गिराया और इनमें अधिकतर घाटी में सक्रिय शीर्ष कमांडर थे। यह जानकारी बुधवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने दी।
मारे गए आतंकवादियों में मसूद अजहर का भतीजा ताल्हा राशिद, जैश ए मोहम्मद का महमूद भाई, लश्कर ए तैयबा का अबु दुजाना और वसीम शाह के साथ ही बुरहान वानी का उत्तराधिकारी हिज्बुल मुजाहिदीन का सब्जार अहमद भट शामिल है। वैद्य ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस वर्ष केवल कश्मीर में करीब 170 आतंकवादी मारे गए। चार-पांच शीर्ष कमांडरों को छोड़कर अन्य शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया गया है।’’
उन्होंने कहा कि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस सहित सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकवादियों की तलाश तेज कर दी है।
पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘जहां तक ‘ऑपरेशन आलआउट’ की बात है, काफी सफलता मिली है। श्रेय उन अधिकारियों और जवानों को जाता है जो बाहर क्षेत्र में काम करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच काफी अच्छा समन्वय है और दावा किया कि कुछ को छोड़कर ‘‘हिज्बुल और लश्कर ए तैयबा के अधिकतर शीर्ष नेतृत्व को खत्म कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि हाल में जैश ए मोहम्मद द्वारा आत्मघाती हमले की नयी घटना देखी गई।
उन्होंने कहा, ‘‘आत्मघाती हमले करने में जेईएम का बड़ा हाथ रहा है, जो नयी घटना है लेकिन सुरक्षा बल और पुलिस इस चुनौती का सामना कर रहे हैं। आतंकवादियों का उत्साह बढ़ाने के लिए सीमा पार से उनका मनोबल बढ़ाने का यह प्रयास है।’’
सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर नियंत्रण कायम करने और घुसपैठ रोकने में सेना बड़ा काम कर रही है। हमें काफी सफलता मिली है। चूंकि सीमा पर स्थितियां कठिन हैं, इसलिए कुछ लोग घुस जा रहे हैं। लेकिन अंदरूनी इलाकों में उनका खात्मा किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि दिसम्बर में हिमपात होता है और दर्रे बंद होने लगते हैं इसलिए सीमा पार से प्रयास किया जा रहा है कि इससे पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों की घुसपैठ कराई जा सके।attacknews
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना अभियान जारी रखेंगे और जल्द ही कश्मीर में शांति स्थापित होगी। काफी कुछ किया जा चुका है। मुझे उम्मीद है कि चीजें और सुधरेंगी।’’ पुलिसकर्मियों के आतंकवाद में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के दो मामले उनके संज्ञान में आए।
वैद्य ने कहा, ‘‘हम कारणों पर गौर कर रहे हैं। कई कारण हैं। पुलिस भी इसी समाज का हिस्सा है और वह प्रभावित हो सकती है। वे भी इसी समाज, इन्हीं गांवों में रहते हैं। यह गंभीर चुनौती नहीं है। पुलिस बल को आतंकवादियों से बचाने के लिए हमने कुछ कदम उठाए हैं।’’