नयी दिल्ली, नौ मार्च। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) द्वारा दर्ज मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से20 मार्च तक के लिये आज अंतरिम राहत प्रदान कर दी। कार्ति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के पुत्र हैं।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई एस मेहता की एक पीठ स्पष्ट किया कि सीबीआई के मामले में विशेष अदालत यदि कार्ति को जमानत देती है तो, ऐसी स्थिति में अगली सुनवाई तक निदेशालय उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगा। सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
न्यायालय ने कहा कि यदि निचली अदालत सीबीआई मामले में कार्ति चिदंबरम को जमानत देने का निर्णय लेती है तो वह आरोपी पर कुछ शर्ते लगा सकती है जैसे आरोपी को जांच के लिए बुलाये जाने पर ईडी के समक्ष पेश होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वह आरोपी को देश नहीं छोड़ने और अपना पासपोर्ट सौंपने का निर्देश दे सकती हैं। अंतरिम राहत देते हुए अदालत ने कहा कि अभी धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा19 की संवैधानिक वैधता पर फैसला लिया जाना बाकी है।
सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम अदालत में मौजूद थे।
कार्ति सीबीआई की हिरासत में है। कार्ति को आज यहां एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया तथा पूछताछ के लिए छह और दिन के लिए उनकी हिरासत मांगी।
अदालत ने धन शोधन मामले में समन जारी किये जाने और सुनवाई को चुनौती देने वाली कार्ति की याचिका पर केन्द्र और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है।
कार्ति चिदंबरम को कल उच्चतम न्यायालय ने अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुये कहा था कि वह किसी भी अंतरिम राहत के लिये दिल्ली उच्च न्यायालय जाये। इसके बाद कार्ति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
कार्ति को ब्रिटेन से लौटने के बाद28 फरवरी को चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था। कार्ति को आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी को लेकर कथित अनियमितता के लिए गत वर्ष15 मई को दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कार्ति को एफआईपीबी मंजूरी के लिए रिश्वत के रूप में10 लाख रुपये प्राप्त हुए थे।
शीर्ष अदालत ने 23 फरवरी को कार्ति के खिलाफ ईडी द्वारा जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।attacknews.in