नयी दिल्ली/इस्लामाबाद/लाहौर 05 नवंबर ।गुरुनानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन में 72 घंटे से कम समय रह गया है कि लेकिन भारत विरोधी तत्चों की गतिविधियों की सूचनाओं एवं पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा संबंधी इंतजामों की पुख्ता जानकारी नहीं मिलने के कारण सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा रहीं हैं।
सरकारी सूत्रों ने आज कहा कि यह छिपी बात नहीं है कि पाकिस्तान ने भारत की 20 साल पुरानी मांग को बुरी नीयत से स्वीकार किया है और वह इसके माध्यम से हमारे देश को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है लेकिन भारत ने इस परियोजना को सकारात्मक रूप में, उत्साह के साथ और सिखों की भावनाओं के अनुरूप लिया तथा एक साल के भीतर ढांचागत सुविधाएं तैयार कर दीं हैं।
करतारपुर वीडियो में खालिस्तानी नेताओं को दिखाने पर विवाद
पाकिस्तान के करतारपुर कॉरीडोर पर बनाये गये आधिकारिक गाने के वीडियो में मारे गये तीन खालिस्तानी आतंकवादी नेताओं को दिखाये जाने के बाद विवाद शुरू हो गया है।
पाकिस्तान सरकार ने इस संबंध में एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। इसी वीडियो में प्रधानमंत्री इमरान खान सिखों के महत्वपूर्ण गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की महत्ता रेखांकित करते दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो में सिख श्रद्धालुओं के पाकिस्तान के विभिन्न गुरूद्वारों में मत्था टेकने जाते हुए दिखाया गया है। लेकिन विवाद तब खड़ा हुआ जब विडियो में खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरवाले, अमरीक सिंह खालसा और मेजर जनरल (बर्खास्त) शाहबेग सिंह को दिखाया गया। तीनों खालिस्तानी नेता 1984 में हुए भारतीय सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गये थे।
साल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके सैन्य सलाहकार शाहबेग सिंह समेत तीन सिख अलगाववादी नेता पाकिस्तान सरकार द्वारा करतारपुर गलियारे पर जारी किए एक आधिकारिक वीडियो में नजर आए, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया ।
यह वीडियो बहु-प्रतीक्षित गलियारे के उद्घाटन समारोह से महज कुछ दिनों पहले सोमवार को जारी किया गया। गलियारा पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा।
वीडियो में प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक समूह ‘‘सिख फॉर जस्टिस’’ का एक पोस्टर भी देखा गया जो अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर सिख जनमत संग्रह 2020 की मांग कर रहा है।
भिंडरावाले सिख धार्मिक संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। उसे 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। वह खालिस्तान आंदोलन का कथित चेहरा था जिसमें हजारों लोग मारे गए।
भारतीय सेना में जनरल शाहबेग सिंह 1984 में खालिस्तानी आंदोलन में शामिल हुआ जब उसकी सेवानिवृत्ति से कुछ वक्त पहले उसे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोर्ट मार्शल की कार्रवाई का सामना करना पड़ा तथा उससे उसकी रैंक भी छीन ली गई। ऐसा माना जाता है कि सिंह, भिंडरावाले का सैन्य सलाहकार था और वह भी ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारा गया था।
गौरतलब है कि करतारपुर गलियारे पर वार्ता के दौरान भारत ने इस परियोजना पर इस्लामाबाद द्वारा नियुक्त समिति में प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति जतायी थी।