बेंगलुरू, छह फरवरी । कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एक समिति ने राज्य के लिए एक अलग झंडे की सिफारिश की और इसके मार्ग में कोई संवैधानिक या कानूनी बाधा नही है ।
नौ सदस्यीय समिति ने अपनी एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें राज्य के लिए एक अलग ध्वज की सिफारिश की गई है।
समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमने कल अपनी रिपोर्ट सौंपी है। यदि कोई संवैधानिक या कानूनी बाधा होती तो हम रिपोर्ट बिल्कुल भी नहीं सौंपते।’’
झंडे की आकृति के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक तिरंगा पीला, सफेद और लाल रंग का होगा और इसके मध्य में राज्य का प्रतीक चिह्न होगा।
सदस्य ने कहा, ‘‘हमने पीले और लाल झंडे के बीच सफेद रंग के साथ तिरंगा ध्वज का सुझाव दिया है। इसके मध्य में राज्य का प्रतीक भी होगा।’’
कन्नड एवं संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में पिछले वर्ष एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति में कार्मिक और प्रशासनिक सेवाओं, गृह, विधि और संसदीय मामलों के सचिवों, कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष, कन्नड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और कन्नड विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल थे।attacknews.in
सरकार द्वारा समिति का गठन किये जाने को लेकर भाजपा और कुछ समूहों ने इसकी आलोचना की थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इससे पूर्व इसका बचाव करते हुए कहा था कि राज्य के लिए एक अलग ध्वज के खिलाफ कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।
उन्होंने सवाल किया था, ‘‘क्या संविधान में कोई प्रावधान हैं। क्या आप संविधान में कोई प्रावधान लाये है। क्या भाजपा के लोग प्रावधान ला रहे है तो फिर वे इस मुद्दे को क्यों उठा रहे है।’’attacknews.in