काठमांडो , सात जुलाई । तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौटते समय फंसे सभी 1,430 भारतीय तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिये सुरक्षित निकाल लिया गया। भारतीय दूतावास ने यहां यह जानकारी दी।
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र से 160 लोगों के अंतिम समूह को सुरक्षित निकाले जाने के साथ ही फंसे हुए सभी यात्री अब सुरक्षित निकाल लिये गये है।
हिल्सा और सिमीकोट जिलों से बचाये गये लोगों को नेपालगंज और सुरखेत ले जाया गया है। ये दोनों नगर भारतीय सीमा के नजदीक हैं और दोनों जगह बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और अवसंरचना सुविधाएं हैं।
भारतीय मिशन ने ट्वीट किया ,‘‘ सिमीकोट और हिल्सा से आज 160 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के साथ ही बचाव प्रक्रिया पूरी हो गई है। दूतावास की टीम लगातार स्थिति की निगरानी के लिए वहां मौजूद है। ’’
भारतीय दूतावास ने कहा ,‘‘ आज तक , सिमीकोट / हिल्सा से 1,430 तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर से नेपालगज / सुरखेत ले जाया गया। ’’
तीर्थयात्री पिछले पांच – छह दिन से पश्चिमी नेपाल में फंसे हुए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय दूतावास ने सूचना मिलते ही फंसे लोगों को निकाले जाने का अभियान शुरू किया और आवश्यक दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।
दूतावास के प्रवक्ता रोशन लेप्चा ने कहा ,‘‘ सभी फंसे लोगों को हिल्सा और सिमीकोट से हेलीकॉप्टर के जरिये निकाल लिया है और उन्हें वहां से सुरखेट और नेपालगंज ले जाया गया है। बचाव अभियान और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से संपर्क स्थापित करने के लिए मौके पर दूतावास के दो कर्मचारियों को तैनात किया गया था। ’’
उन्होंने बताया कि दूतावास ने राहत कार्यों के लिए स्थानीय टूर आपरेटरों और सुरक्षाकर्मियों के साथ समन्वय किया।
चीन के अधीन तिब्बत क्षेत्र में स्थित कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं , बौद्धों और जैनों के लिए पवित्र तीर्थस्थल है और हर साल सैकड़ों भारतीय प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में इस यात्रा पर जाते हैं।attacknews.in