नयी दिल्ली, 24 अप्रैल । न्यायमूर्ति एन वेंकट रमण ने देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शनिवार को शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति रमण ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में शपथ ग्रहण की।
समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति रमण ने ईश्वर को साक्षी मानकर अंग्रेजी में पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण के बाद, राष्ट्रपति कोविंद ने न्यायमूर्ति रमण को बधाई दी और सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं।
न्यायमूर्ति रमण को छह अप्रैल को देश का प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किया गया था।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पूनावरम गांव में 27 अगस्त, 1957 को जन्मे, न्यायमूर्ति रमण 10 फरवरी,1983 को अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत हुए थे।
उन्हें 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया और वह 10 मार्च, 2013 से 20 मई, 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत रहे।
उन्हें दो सितंबर, 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया और 17 फरवरी, 2014 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
उनका कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति रमण ने न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की जगह ली है जिन्होंने शुक्रवार को सीजेआई के पद से अवकाश प्राप्त किया।