नयी दिल्ली, 21 नवंबर । जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति से मुलाकात कर छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने और कुलपति को हटाने की मांग की।
संघ की कार्यकारी समिति ने दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कहा, “जेएनयू को जिस तरह से शासित किया जा रहा है उससे उत्पन्न समस्याओं से निपटना वर्तमान कुलपति के रहते असंभव है।
जेएनयूटीए के 13 प्रतिनिधियों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तीन सदस्यीय समिति को बताया कि वर्तमान संकट कुलपति एम जगदीश कुमार की वजह से “विश्वविद्यालय में उत्पन्न कुशासन की पराकाष्ठा है।
शिक्षक संघ ने पैनल को यह भी बताया कि वर्तमान कुलपति किस तरह जेएनयू अधिनियम का “उल्लंघन” कर रहे हैं और उन्होंने “विश्वविद्यालय के भविष्य को दांव पर लगा दिया है।”
बयान में कहा गया है, “विश्वविद्यालय की स्वायत्तता से समझौता करने और प्रशासन को सत्तावादी तरीके से चलाने के लिए कुलपति दोषी हैं, और उनके पद पर बने रहने से जेएनयू में सामान्य स्थिति बहाल करने में दिक्कतें आ रही हैं।”
जेएनयू छात्रों की मांग जायज : दीपंकर
उधर रांची में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली के विद्यार्थियों की मांग को जायज ठहराते हुए आज कहा कि देश के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेहद जरूरी है।
श्री भट्टाचार्य ने यहां झारखंड विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले के 16 उम्मीदवारों के नाम की पहली सूची जारी करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही ।