रांची, 10 जून । झारखंड में राज्यसभा चुनाव 2016 में कथित हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अनुसंधानकर्ता की ओर से पीसी एक्ट जोड़ने के आवेदन को रांची के ज्यूडिसियल कोर्ट ने विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।
विजिलेंस कोर्ट की ओर से यदि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा जोड़ने की अनुमति प्रदान कर दी जाती है, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
रांची सिविल कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट चतुर्थ अनुज कुमार की अदालत ने इस मामले में सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था और गुरुवार को अपने फैसले में इस मामले को विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत केस चलाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अनुसंधानकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दिया गया था ।
बता दें कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था। साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी। इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीसी एक्ट जोड़ने की अनुमति के साथ ही केस एसीबी की विशेष अदालत में चला गया ।
बता दें कि इस मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर गृह विभाग के अवर सचिव ने जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें तत्कालीन सीएम रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार व एडीजी अनुराग गुप्ता को नामजद आरोपी बनाया गया था. मामले में अब हेमंत सरकार ने तीनों के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत जांच करने का भी आदेश 25 मई को जारी किया है।