रांची, 23 दिसम्बर । झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जबर्दस्त जीत के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज कहा कि वह जनता से मिले स्पष्ट जनादेश से पांच साल तक पूरी मजबूती से सरकार चलाएंगे।
श्री सोरेन ने आज देर शाम महागठबंधन के अन्य घटक (कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल) दलों के नेताओं के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ इस स्पष्ट जीत के लिए मैं झारखंड की जनता का आभार प्रकट करता हूं। राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए जिस दल को हमारे साथ आना है, उनका स्वागत है। अब राज्य में किसी की उम्मीद नहीं टूटेगी। हमारी सरकार सबका बराबर ख्याल रखेगी। सबके साथ मिल-बैठकर आगे की रणनीति तय करूंगा। ”
महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि झारखंड की जनता ने बड़ी जिम्मेवारी दी है। उनका हृदय से धन्यवाद हैं। सरकार बनने की प्रक्रिया में आगे सभी घटक दलों के साथ मिलकर कैबिनेट का स्वरूप तय किया जाएगा। हेमंत सोरेन हमारे मुख्यमंत्री होंगे।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा कि जनता के सहयोग के लिए धन्यवाद। हेमंत जी को बहुत बधाई। हेमंत जी के नेतृत्व को लोगों ने स्वीकार किया, यह हमारी बड़ी जीत है।
सात माह में ही अर्श से फर्श पर भाजपा, हेमंत के सिर ताज
झारखंड में सात माह पहले लोकसभा चुनाव में 14 में से 11 सीटें जीतने के बाद राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसे बड़े मुद्दों के बूते वोट जुटाने की कोशिश में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनाव में अर्श से फर्श पर आ गयी, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महागठबंधन का स्पष्ट जनादेश (47 सीट) के साथ सरकार बनना तय हो गया है।
विधानसभा की 81 सीटों के अब तक घोषित परिणाम और रूझान में झामुमो 30 और उसकी सहयोगी कांग्रेस 16 तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 01 सीट के साथ सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 41 को पार कर गया है। वहीं, भाजपा को मात्र 25 सीटें ही मिलती दिख रही है । झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) 03, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) 02 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 01, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) एक और निर्दलीय दो सीट पर आगे है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके मंत्रिमंडल के दो सहयोगी के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गये हैं ।
मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही मंत्रिमंडल में सहयोगी रहे भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय ने करीब 15 हजार के मतों के अंतर से पराजित किया है । दुमका से समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी और मधुपुर से श्रम मंत्री राज पालिवार चुनाव हार गये हैं । वहीं, रांची से शहरी विकास मंत्री सी. पी. सिंह, खूंटी से ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, सारठ से कृषि मंत्री रणधीर सिंह, चंदनकियारी से पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी चुनाव जीत गये हैं जबकि कोडरमा से मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. नीरा यादव और बिश्रामपुर में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी आगे हैं । जुगसलाई से जल संसाधन मंत्री और आजसू नेता रामचंद्र सहिस पीछे हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद चुनाव हार गये । श्री दास को भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय ने हराया । इसी तरह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर में झामुमो के सुखराम उरांव से 12160 मतों से और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के जीगा सुशरण होरो से 36846 मतों पीछे थे।
भाजपा सिर्फ 25 सीटें जीतने की ओर अग्रसर है जिससे उसका सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है।
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए चुनावों के प्रारंभिक परिणामों और अन्य सभी सीटों के रुझान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया था कि झामुमो-कांग्रेस-राजद का महागठबंधन 46 सीटों पर आगे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य में महागठबंधन की जीत लगभग सुनिश्चित दिख रही थी और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था । जबकि दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा की इन चुनावों में करारी हार हुई ।
इस प्रकार अब तक के आंकड़ों में झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के इतिहास में सबसे अच्छे प्रदर्शन की ओर है। यह पार्टी तीस सीटें जीतकर न सिर्फ राज्य में मजबूत सरकार गठन की ओर अग्रसर रही बल्कि वह विधानसभा में भी सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।
अब तक मिले परिणामों और रुझानों के अनुसार महागठबंधन में झामुमो 30 सीट पर, कांग्रेस 15 सीट पर और राजद एक सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं।
अन्य दलों में भाजपा की सहयोगी रही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आज्सू) जहां सिर्फ दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है वहीं बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा भी सिर्फ तीन सीटों पर आगे हैं। अन्य छोटे दलों में भाकपा (माले लिबरेशन) एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस एक तथा दो अन्य निर्दलीय आगे चल रहे हैं।
जहां हार के बाद मुख्यमंत्री रघुबर दास ने संवाददाता सम्मेलन में दो टूक कहा कि यह हार उनकी व्यक्तिगत हार है, यह भाजपा की हार नहीं है। वहीं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी और गठबंधन की जीत को जनता का स्पष्ट जनादेश बताया और कहा कि इससे उन्हें जनता की आकांक्षा पूरा करने के लिए संकल्प लेना होगा।
हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का चुनाव परिणाम राज्य के इतिहास में नया अध्याय है और यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि लोगों की उम्मीदें वह टूटने नहीं देंगे।
आज के परिणाम में एक खास बात यह भी रही कि जहां महागठबंधन करके कांग्रेस-झामुमो और राजद ने अपने वोट जोड़ने में सफलता हासिल की वहीं वर्ष 2014 के विधानसभा और हाल के लोकसभा चुनावों में गठबंधन सहयोगी रहे भाजपा और आज्सू अलग होकर बुरी तरह घाटे में रहे।
पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं वहीं वह इस बार सिर्फ 26 पर सिमटती दीख रही है। जबकि उसकी सहयोगी रही आज्सू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।
कम से कम 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से उनके उम्मीदवार की जीत निश्चित थी अन्यथा इन सीटों पर विपक्षी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की और यह सीटें इनमें से किसी के हाथ नहीं लगीं।
हेमंत सोरेन ने आज की जीत और गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूरा परिणाम आने के पूर्व ही संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है।
हेमंत ने कहा, ‘‘आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है।’’ उन्होंने कहा कि आज राज्य में जो परिणाम आये हैं वह हम सभी के लिए उत्साह का दिन है। जनता का जनादेश स्पष्ट है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा।’’
उन्होंने कहा कि हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा। हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद किया और कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम है।
सोरेन ने अधिक कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि अभी गठबंधन के सभी सदस्यों के साथ हम बैठेंगे और सरकार बनाने के लिए और शासन के लिए रणनीति तैयार करेंगे।
इस वर्ष मई में आये लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा की किसी राज्य विधानसभा चुनाव में यह पहली स्पष्ट हार है। लोकसभा चुनावों में झारखंड में भी भाजपा ने 14 में से 11 सीटें और उसकी सहयोगी आज्सू ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस और झामुमो के हाथ सिर्फ एक-एक सीट लगी थी।
यहां तक कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हार गये थे। इससे पूर्व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वह शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव जीतकर भी अपनी सरकार नहीं बना सकी और हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा न पा सकने के बाद उसने किसी तरह दुष्यन्त चैटाला के साथ मिलकर अपनी सरकार बनायी।
हेमंत ने भाजपा प्रत्याशियों को धूल चटाकर दुमका और बरहैट किया फतह
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डॉ. लुईस मरांडी को 13188 और सिमॉन मालटो को 25740 मतों के भारी अंतर से धूल चटाकर उनके लिए लकी रही दुमका (सुरक्षित) के साथ ही बरहैट (सु) सीट को एक बार फिर फतह कर लिया है।
राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, मतगणना समाप्त होने पर श्री सोरने को दुमका में 81007 वोट मिले जो कुल वैध मतों का 48.86 प्रतिशत है जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की डॉ. लुईस मरांडी को 67819 मत मिले। वहीं, 3156 वोट हासिल कर झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) की अंजुला मुर्मू तीसरे तथा 2409 मत बटोरकर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रत्याशी मार्शल ऋषिराज टुडू चौथे स्थान पर है। इस सीट के लिए नोटा (इनमें से कोई नहीं) को 2267 वोट मिले।
वहीं बरहैट में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सोरेन ने 73725 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सिमॉन मालटो को 25740 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया। श्री मालटो को 47985 वोट मिले। 2622 वोट हासिल कर झाविमो के होपना टुडु तीसरे और 2573 वोट बटोरकर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के गैमलिएल हेम्ब्रम चौथे स्थान पर रहे। 2566 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर सभी 12 प्रत्याशियों को नकार दिया।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी श्री सोरेन ने दुमका और बरहैट सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जहां वह बरहैट से जीते वहीं दुमका से हार गए थे। उस चुनाव में दुमका से श्री सोरेन को भाजपा उम्मीदवार डॉ. लुईस मरांडी ने 4914 वोट के अंतर से पराजित किया था।