झांसी 25 मार्च। उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर धर्मपरिवर्तन की सूचना पर दो नन और दो युवतियों को ट्रेन से उतारे जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद रेलवे महानिरीक्षक (आईजी) लखनऊ ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेलवे लखनऊ को गुरूवार को मामले की जांच के लिए यहां भेजा।
रेलवे आईजी के आदेश पर एसपी रेलवे सौमित्र यादव आज यहां पहुंच गये और उन्होंने मामले की बारीकी से जांच भी शुरू कर दी है।सूत्रों के अनुसार आज शाम तक इस मामले में किसी कड़ी कार्रवाई के आदेश में आ सकते हैं।
केरल की चार ईसाई ननों को उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर एक संगठन के लोगों ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा कर ट्रेन से उतरवा दिया। वे सभी दोबारा तभी ट्रेन पर सवार हो सकीं, जब पुलिस ने उन्हें धर्म परिवर्तन न कराने की क्लीन चिट दी।
यह घटना 19 मार्च की है, जब हरिद्वार से पुरी जा रही उत्कल एक्सप्रेस में कुछ लोगों ने नन्स को घेर लिया और जबरन ट्रेन से उतरवा लिया। इस वाकये से जुड़े ट्रेन के अंदर 25 सेकंड का एक वीडियो सामने आया,जिसमें नन्स कुछ लोगों से घिरी नज़र आती हैं. उनमें से कुछ पुलिस वाले हैं. वीडियो में एक आवाज़ आती है, “अपना सामान लेकर आओ. आप को भिजवा दिया जाएगा. ऐसी बात नहीं है..आप चिंता मत करो.”
वीडियो में आगे कहा गया है, “अगर आप सही हैं तो आपको भिजवा दिया जाएगा.” यह पुलिस वाले की आवाज है. फिर नन की आवाज़ आती है, “ऐसे देश में चलेगा.” इसके बाद फिर संभवतः पुलिस की आवाज़ आती है जो शायद संगठन के लोगों से कह रही है, “अरे बाहर चलो, नेतागिरी कर रहे हो.” इसके बाद संभवतः संगठन के शख्स की आवाज़ आती है, जिसमें वह कहता है, ” अरे नेतागिरी नहीं करते तो कैसे पता चलता?” संभवतः फिर दूसरे पुलिस वाले की उन्हें घुड़कने की आवाज़ आती है, “जल्दी आओ रे।
दूसरे वीडियो में महिलाएं झांसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म और फिर पुलिस स्टेशन में नज़र आती हैं. रेलवे पुलिस के डिप्टी एसपी नईम खान मंसूरी ने इस वाकये पर कहा, “संगठन के कुछ सदस्य जो ऋषिकेश से ट्रेनिंग कैम्प से वापस आ रहे थे.. उसी ट्रेन में हज़रत निज़ामुद्दीन से राउरकेला के लिए चार क्रिश्चिन लेडीज यात्रा कर रही थीं, जिनमें दो नन्स थीं और दो लेडीज अंडर ट्रेनिंग थीं, जो दिल्ली में ट्रेनिंग कर रही थीं. सदस्यों को ऐसा शक हुआ कि शायद ये दो नन्स जो हैं वे दो अन्य लेडीज को धर्म परिवर्तन के लिए ले जा रही हैं क्योंकि वे आपस में बात कर रही थीं।”
मंसूरी ने बताया, “इस शक पर संगठन के लोगों ने आरपीएफ कंट्रोल रूम को सूचना दी. RPF ने GRP को बताया।संगठन के अजय शंकर तिवारी ने इसकी लिखित तहरीर दी।हम लोग मौके पर पहुंचे तो पता चला कि नन्स के साथ सादे लिबास वाली लड़कियां भी जन्म से ईसाई हैं और वे नन बनने की ट्रेनिंग ले रही थीं. बाद में उन्हें जाने दिया गया।