जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती पत्थरबाजों पर मेहरबान,9,730 पर से प्रकरण हटाये Attack News

श्री नगर 3 फरवरी । जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पत्थरबाजी के 1745 मामलों में 9,730 युवाओं पर दर्ज केस वापस लेने की मंजूरी दी है। इनमें वर्ष 2008 से 2017 के बीच पत्थरबाजी के मामले व पहली बार पत्थरबाजी करने वाले युवाओं पर केस शामिल हैं। जिन लोगों के खिलाफ मामले वापस लिए जाने हैं उसमें पहली बार अपराध करने वाले लोग भी शामिल हैं।attacknews.in

राज्य विधानसभा में विधायक आरएस पठानिया, शेख इशफाक जब्बार और अंजुम फाजली के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखित में यह जानकारी दी। सरकार ने मामले वापस लेने के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिश पर कुछ शर्तो के साथ मामले वापस लिए गए हैं।

सरकार ने सुरक्षा कारणों का वास्ता देते हुए पहली बार पत्थरबाजी करने वाले युवाओं की विस्तार जानकारी देने से इन्कार कर दिया।attacknews.in

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षो के दौरान पत्थरबाजी की मामूली घटनाओं में शामिल होने वाले चार हजार युवाओं को माफी देने की भी सरकार ने सिफारिश की है।

वर्ष 2016 और 2017 में 3773 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 11,290 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 233 का अता पता नहीं है। सात मामले दर्ज नहीं किए गए और 1692 मामलों में चालान पेश किए गए तथा 1841 मामलों में जांच चल रही है।attacknews.in

जुलाई 2016 में कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी और इसमें 85 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2016 में पत्थरबाजी के 2904 मामले दर्ज किए गए और 8570 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

वर्ष 2017 में 869 मामले दर्ज किए और 2720 लोगों को गिरफ्तार किया गया।attacknews.in

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन दो वर्षो के दौरान सबसे अधिक लोग श्रीनगर जिला में 2330 गिरफ्तार किए गए, बारामुला में 2046, पुलवामा में 1385, कुपवाड़ा में 1123, अनंतनाग में 1118, बड़गाम में 783, गांदरबल में 714, शोपियां में 694, बांडीपोरा में 548, कुलगाम में 547 और डोडा में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।पत्थरबाजी की घटनाओं में 56 सरकारी कर्मचारी, 16 हुर्रियत कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं को मिलाकर 4949 लोग संलिप्त पाए गए। 4074 लोग किसी भी अलगाववादी या आतंकवादी संगठन से संबधित नहीं थे।

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा के विधायक आरएस पठानिया ने अपने प्रश्न का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुझे गलत व आधा अधूरा जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बाबा अमरनाथ भूमि आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों या केस वापस लिए जाने का कोई ब्योरा नहीं दिया है।attacknews.in