श्रीनगर, 23 फरवरी । पुलिस ने शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात में कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर पर कार्रवाई करते हुये इसके प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज सहित कम से कम 24 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
पुलिस ने हिरासत में लेने की घटना को नियमित कार्रवाई बताया वहीं घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि यह अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत से संबद्ध संगठन पर पहली बड़ी कार्रवाई है।
जमात ने एक बयान जारी कर हिरासत में लिये जाने की निंदा की और कहा है, ‘‘यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता का राह प्रशस्त करने के लिए भली-भांति रची गई साजिश है।’’
जमात ने दावा किया 22 और 23 फरवरी की दरम्यानी रात में पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक व्यापक गिरफ्तारी अभियान चलाया और घाटी में कई घरों पर छापेमारी की। उसके केन्द्रीय और जिला स्तर के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया जिसमें अमीर (प्रमुख) डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज और वकील जाहिद अली (प्रवक्ता) शामिल हैं।
जमात के सदस्यों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पहलगाम, दिआलगाम, त्राल सहित विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया है।
जमात ने उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35 ए पर एक याचिका की सुनवाई के समय छापेमारी को ‘संशयुक्त’ करार दिया।
इसके अलावा पुलिस ने शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को भी हिरासत में लिया। जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है लेकिन किसी ने भी इस तरह की व्यापक तैनाती के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर एक आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के आठ दिनों बाद यह कार्रवाई सामने आई है।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू एडं कश्मीर के नेताओं पर छापेमारी की वैधता पर शनिवार को सवाल उठाते हुये कहा कि ‘मनमाने’ कदम से राज्य में ‘‘मामला जटिल’’ ही होगा।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री शुक्रवार रात में अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी पर सरकारी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थी। जेकेएलएफ अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक और जमात प्रमुख अब्दुल हमिद फयाज सहित संगठन के दो दर्जन से अधिक नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगटन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह की मनमानी कार्रवाई को समझ नहीं पा रही हूं, इससे जम्मू कश्मीर में केवल हालात जटिल ही होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किस कानूनी आधार पर उनकी गिरफ्तारी न्यायोचित ठहराई जा सकती है? आप एक व्यक्ति को हिरासत में रख सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं।’’
केन्द्र ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की भारी तैनाती को बिना कोई कारण बताए को कश्मीर रवाना किया है।
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