जम्मू 23 जून । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू पहुंचे। अमित शाह की पीडीपी से गठबंधन टूटने के बाद यह पहली राज्य की यात्रा है।
रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, आज जम्मू और कश्मीर पूरे भारत के साथ जुड़ा है तो वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान के कारण जुड़ा है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी द्वारा किए गए आन्दोलनों और उनके बलिदान का ही परिणाम है जिसने जम्मू और कश्मीर से परमिट व्यवस्था को समाप्त किया।
अमित शाह ने हाल ही पीडीपी के साथ गठबंधन टूटने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, देश में अगर किसी राजनीतिक पार्टी की सरकार गिरती है तो वह अफसोस जताते हैं, लेकिन सिर्फ भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी ऐसे पार्टी है जो सरकार गिरती है तो भारत माता की जय के नारे लगाकर उसका स्वागत करती है।
वहीं उन्होंने गुलाम नबीं आजाद के बायान पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर पर ऐसा बयान दिया, जिसे मैं दोहरा भी नहीं सकता हूं। लश्कर-ए-तैयबा ने आजाद के बयान का समर्थन किया, राहुल गांधी को बताना चाहिए कि लश्कर और कांग्रेस में क्या रिश्ता है। कांग्रेस के नेता कश्मीर के सम्बन्ध में बयान करते हैं और उनके बोलते ही लश्कर-ए-तैयबा उसका समर्थन कर देता है।
अमित शाह बोले, ‘इसके दूसरे ही दिन सैफुद्दीन सोज का बयान आता है। बीजेपी जम्मू-कश्मीर को कभी भारत से टूटने नहीं देगी। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसे अपने खून से सींचा है। इन बयानों पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए लेकिन वो माफी नहीं मांगेंगे।’ शाह ने कहा कि, मैं जम्मू और कश्मीर की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ, कांग्रेस पार्टी कितना भी षड्यंत्र करले लेकिन कोई भी जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता है।
शाह ने कहा, ‘मैं 1 साल पहले यहां आया था। उस वक्त हमारी गठबंधन की सरकार थी। अब आया हूं तो हमारी सरकार नहीं है। हमारे लिए सरकार कोई मायने नहीं। हमारे लिए जम्मू का विकास और सलामती मायने रखती है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पैसा भेजा लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया गया। जम्मू-लद्दाख में समान विकास न होने की वजह से हमने सत्ता छोड़ी। भारत में लोकतंत्र है, किसी भी अखबार का एडिटर कुछ भी लिख सकता है। लेकिन लिखने की वजह से एक अखबार के एडिटर की हत्या हो जाती है। हमने सोचा सत्ता में रहने से अच्छा है हम विपक्ष में रहें।
वहीं उन्होंने पीडीपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, विस्थापित कश्मीरी पंडितों के कल्याण में भी राज्य सरकार ने सहयोग नहीं किया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन पूरा नैरेटिव ही बदला जा रहा है। मैं इस मंच से अपील करने आया हूं। इस राज्यपाल शासन से सबकी यही अपेक्षा होनी चाहिए कि यहां शांति और विकास का कार्य हो।
शाह ने कहा कि, यहां दो परिवारों ने कांग्रेस के साथ मिलकर बारी बारी से सरकार बनाई है। अगर इनकी संपत्ति मिला दी जाए तो जम्मू के लोगों की संपत्ति के बराबर हो गया है। जो 70 साल में नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए करने का प्रयास किया लेकिन राज्य की सरकार द्वारा कोई विकास का कार्य आगे नहीं बढ़ाया।
वह आगामी लोकसभा चुनाव की रियासत में तैयारी के लिए भाजपा और संघ परिवार के नेताओं से बातचीत करेंगे।
जम्मू एयरपोर्ट पर उनका पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। वह शाम चार बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 65वें बलिदान दिवस पर परेड में आयोजित रैली को संबोधित करेंगे।
शाह करीब ग्यारह बजे जम्मू एयरपोर्ट पर पहुंचे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, विधायक राजेश गुप्ता सहित कई विधायक और पार्टी पदाधिattacknews.inकारी पहुंचे हुए थे।