Home / तकनीक और तकनीकी / जबलपुर गन फैक्ट्री से देश में निर्मित पहली आर्टिलरी गन धनुष भारतीय सेना में शामिल, 13 सेकंड में 3 फायर एक ठिकाने पर अचूक निशाने के साथ करने की क्षमता attacknews.in

जबलपुर गन फैक्ट्री से देश में निर्मित पहली आर्टिलरी गन धनुष भारतीय सेना में शामिल, 13 सेकंड में 3 फायर एक ठिकाने पर अचूक निशाने के साथ करने की क्षमता attacknews.in

जबलपुर, 08 अप्रैल । देश में निर्मित पहली आर्टिलरी गन धनुष आज भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो गयी।

जबलपुर की गन कैरेज फैक्टरी (जीसीएफ) में निर्मित छह धनुष गन सेना के सुपुर्द कर दी गईं। जीसीएफ में केन्द्र सरकार के रक्षा सचिव उत्पादन डॉ अजय कुमार के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सेना के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी के श्रीवास्तव को धनुष आर्टिलरी गन की पहली खेप खौंपी गयी।

कार्यक्रम में आयुध निर्माणी बोर्ड के अध्यक्ष तथा महानिदेशक सौरभ कुमार, आर्टिलरी स्कूल के कमांडेट लेफ्टिनेंट जनरल आर एस सलारिया, मेजर जनरल मनमीत सिंह और बोर्ड के सदस्य हरिमोहन विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद नव निर्मित धनुष आर्टिलरी गन को हरी झंडी दिखाकर फैक्टरी से रवाना किया गया।

देश में निर्मित पहली आर्टिलरी गन ‘धनुष’ को सोमवार को भारतीय सेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया।

इस अवसर पर डॉ अजय कुमार और आयुध निर्माणी बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने पत्रकारों को बताया कि धनुष 155 एमएम 45 कैलीबर की आधुनिक आर्टिलरी गन है। इस आर्टिलरी गन में 81 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं और हमारा लक्ष्य 91 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी करने का है। इस गन की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। यह 13 सेकेंड में तीन फायर कर सकती है और इसका निशाना इतना अचूक है कि तीन फायर एक ठिकाने पर गिरेंगे।

उन्होंने बताया कि आर्टिलरी गन का वजन 13 टन है और यह पहाड़, रेगिस्तान, बर्फ की पहाडिय़ों के साथ समतल स्थल पर एक समान रुप से कार्य करती है तथा यह पहाडिय़ों में 22 डिग्री तक बिना किसी सहयोग से चढ़ सकती है। दुर्गम रास्तों में भी आसानी से जा सकती है और माइनस 3 डिग्री से लेकर 70 डिग्री तक एलिवेशन कर सकती है।

उन्होंने इस बात से इंकार किया कि यह बोफोर्स का अपग्रेड वर्जन है। हालांकि बोफोर्स तथा धनुष के कुछ कार्य समान हैं। यह रात के समय भी अपने लक्ष्य पर निशाना लगा सकती है और इन गन के माध्यम से सामूहिक रूप से एक स्थान को निशाना बनाया जा सकता है।

कुमार ने कहा कि जीसीएफ के 115 वर्षों के इतिहास में यह सबसे उल्लेखनीय सफलता है। भारतीय सेना ने कुल 414 गन की मांग की है। हमें तीन वर्षो में भारतीय सेना को 114 धनुष गन देनी है जबकि हमारा लक्ष्य प्रतिवर्ष 60 गन के निर्माण का है।

attacknews.in

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

टिकटाॅक वीडियो एप्प की चीन की कंपनी बाइटडांस को अमेरिकी कंपनी ऑरेकल द्वारा खरीदने की मंजूरी, अमेरिका में होगी मुख्यालय की स्थापना attacknews.in

वाशिंगटन 20 सितंबर (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल को …

जुलाई के बाद दूसरी बार पीएम मोदी का नरेंद्रमोदी_आईएन ट्विटर अकॉउंट हैक,साइबर अपराधी ने क्रिप्टो करेंसी का दान देने का अनुरोध किया attacknews.in

नयी दिल्ली 03 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन आधिकारिक ट्वीटर अकॉउंट में से …

भारत में मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की पहली पसंद बना जियो नेट: एक करोड़ ग्राहक जोड़ कर जियो टॉप पर,वोडा-आइडिया और एयरटेल से छिटके 2.68 करोड़ ग्राहक attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अगस्त ।लॉकडाउन में वोडा-आइडिया और एयरटेल को भारी झटका लगा है और …

टिक-टॉक ने अमेरिका में एप्प पर प्रतिबंध के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के खिलाफ दायर किया मुकदमा attacknews.in

वाशिंगटन 25 अगस्त (शिन्हुआ) चीन के विवादास्पद मोबाइल ऐप टिक-टॉक ने अपनी कंपनी बाइटडांस के …

अंतरिक्ष में दिखेगी भारत की ताकत: ISRO की इकाई NSIL खुद उपग्रह बनायेगी और उपग्रह सेवा भी प्रदान करेगी,अंतरिक्ष में भारत को मिलेगा स्वामित्व का अधिकार attacknews.in

नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 20 अगस्त । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक इकाई ‘न्यू स्पेस …