भुवनेश्वर, 21 सितम्बर । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम को चंद्रमा की सतह पर ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने की इसरो की योजना बेशक पूरी नहीं हो सकी हो लेकिन इसका ‘गगनयान’ मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर साढ़े सात वर्षों तक डेटा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘ चंद्रमा मिशन की सभी प्रौद्योगिकियां सॉफ्ट लैंडिंग को छोड़कर सटीक साबित हुई हैं। “क्या यह सफल नहीं है।’’
सिवन ने आईआईटी, भुवनेश्वर के आंठवे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिसम्बर 2020 तक हमारे पास मानव अंतरिक्ष विमान का पहला मानव रहित मिशन होगा। हमने दूसरे मानव रहित मानव अंतरिक्ष विमान का लक्ष्य जुलाई 2021 तक रखा है।’’
इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘दिसम्बर 2021 तक पहला भारतीय हमारे अपने रॉकेट द्वारा ले जाया जाएगा…यह हमारा लक्ष्य है जिस पर इसरो काम कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए गगनयान मिशन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ावा देगा। इसलिए, हम एक नए लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।’’
सिवन ने छात्रों को सोचा समझा जोखिम उठाने और नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आप जोखिम नहीं उठा रहे हैं, तो जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण हासिल करने का कोई मौका नही होगा। लेकिन यदि आप सोच समझकर जोखिम उठाते हो तो आप खुद को समस्याग्रस्त क्षेत्रों से बचा सकते है।’’
उन्होंने कहा कि पिछली आधी सदी में हुई प्रगति के बावजूद, गरीबी और भूख, स्वास्थ्य और स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल के कई ऐसे मुद्दे जिनका अभी समाधान किया जाना हैं। उन्होंने आईआईटी के छात्रों से उन्हें हल करने में मदद करने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
सिवन ने कहा, ‘‘जैसा कि गांधी जी ने कहा है कि स्थानीय समस्याओं के लिए स्थानीय समाधानों की जरूरत है।’’
सिवन ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है जबकि वैज्ञानिक लैंडर ‘विक्रम’ के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक से काम कर रहा है और तय वैज्ञानिक प्रयोग ठीक से कर रहा है।
उन्होंने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कह रहे हैं कि चंद्रयान-2 ने 98 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है, इसके दो कारण हैं – पहला विज्ञान और दूसरा प्रौद्योगिकी प्रमाण। प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर लगभग पूरी सफलता हासिल की गई है।’’
सिवन ने कहा कि इसरो 2020 तक दूसरे चंद्रमा मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की योजना पर चर्चा जारी है…किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हमारी प्राथमिकता अगले वर्ष तक मानव रहित मिशन है। पहले हमें समझना होगा कि लैंडर के साथ क्या हुआ।’’
उन्होंने कहा कि ‘विक्रम’ के साथ संवाद होने का विश्लेषण राष्ट्रीय स्तर की समिति कर रही है जिसमें शिक्षाविद और इसरो के विशेषज्ञ शामिल हैं।
सिवन ने कहा, ‘‘हम अभी तक लैंडर के साथ संपर्क नहीं कायम कर सके हैं। जैसे ही हमें कोई आंकड़ा मिलता है, आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।’’
इसरो प्रमुख ने कहा कि ऑर्बिटर के लिए शुरू में एक वर्ष की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि संभावना है कि यह साढ़े सात वर्षों तक चलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑर्बिटर तय विज्ञान प्रयोग पूरी संतुष्टि के साथ कर रहा है। ऑर्बिटर में आठ उपकरण हैं और आठों उपकरण अपना काम ठीक तरीके से कर रहे हैं।
