नयी दिल्ली, तीन नवंबर । व्हॉट्सएप ने सितंबर में भारत सरकार को बताया था कि 121 भारतीय प्रयोगकर्ताओं को इजरायली स्पाइवेयर पेगासस ने निशाना बनाया है। वहीं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे व्हॉट्सएप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि व्हॉट्सएप ने सरकार द्वारा उससे पिछले सप्ताह पेगासस स्पाइवेयर घटना पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। इजरायली स्पाइवेयर के जरिये कथित रूप से भारत सहित दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी।
आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उन्हें व्हॉट्सएप से जवाब मिल गया है और अभी उसका अध्ययन किया जा रहा है। इस पर जल्द अंतिम राय तय की जाएगी।
सरकार को पिछले सप्ताह भेजे जवाब का ब्योरा देने से इनकार करते हुए व्हॉट्सएप ने बताया कि उसने सरकार को सितंबर में भी इसके बारे में सतर्क किया था। मई में इसकी जानकारी देने के बाद सितंबर में दूसरी बार सरकार को इसकी जानकारी दी गई थी।
सूत्रों ने कहा कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने सितंबर में भेजी सूचना में कहा था कि 121 भारतीय प्रयोगकर्ता इस स्पाइवेयर से प्रभावित हैं।
आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात को माना कि उन्हें पूर्व में भी व्हॉट्सएप से इस बारे में सूचना मिली थी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले मिली सूचना अपर्याप्त और अधूरी थी। साथ ही उसमें काफी अधिक तकनीकी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया था।
इस बारे में व्हॉट्सएप को भेजे प्रश्नों का जवाब नहीं मिला है।
व्हॉट्सएप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों ने दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की। इनमें भारतीय पत्रकार और कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन कहा गया है जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं वे चार महाद्वीपों में फैले हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।
व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया।
व्हॉट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हॉट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। कंपनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं।
वैश्विक स्तर पर व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है। भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं।
व्हाटसएप ने फोन हैकिंग की संभावना के बारे में प्रियंका को सतर्क किया था:कांग्रेस का दावा-
कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को व्हाट्सएप से एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनके फोन के हैक होने की आशंका है।
हालांकि, पार्टी ने यह नहीं बताया कि प्रियंका को यह संदेश कब प्राप्त हुआ था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप (व्हाट्सएप) से राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संदेश मिलने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त व्हाट्सएप से इसी तरह का एक संदेश प्राप्त हुआ था।’’
सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका को लगभग उसी वक्त संदेश प्राप्त हुआ था, जब व्हाट्सएप इस तरह के संदेश उन लोगों को भेज रहा था जिनके मोबाइल फोन कथित तौर पर हैक हुए थे।