तेल अवीव 22 नवंबर ।इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उस समय बड़ा झटका लगा जब देश के न्याय मंत्रालय ने रिश्वत, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी करने और विश्वास तोड़ने के आरोप को सही पाया। अब श्री नेतन्याहू को अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
श्री नेतन्याहू देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनपर पद पर रहते हुए मुकदमा चलेगा। श्री नेतन्याहू ने हालांकि अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
श्री नेतन्याहू को अगर दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा। इसके साथ ही श्री नेतन्याहू को 10 साल की जेल भी हो सकती है।
इजरायल के अटॉर्नी जनरल अविचाई मंडेलब्लिट ने श्री नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग मामलों में रिश्वत लेने, धोखाधड़ी करने और भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच चल रही थी।
अटॉर्नी जनरल ने गुरुवार को अभियोग जारी करते हुए नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और घूस के आरोप तय किए।
श्री नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने धनी व्यापारियों से उपहार लिए और अपने पक्ष में ज़्यादा प्रेस कवरेज हासिल करने के लिए पक्षपात किया।
श्री नेतन्याहू ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि वह ‘विचहंट’ के शिकार हुए हैं। उन्होंने अपने खिलाफ की जा रही जांच को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया कि उन्हें वामपंथी विरोधियों और मीडिया ने निशाना बनाया है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा,“मैं इस्तीफ़़ा नहीं दूंगा और ऐसा करने के लिए मैं कानूनी रूप से बाध्य नहीं हूं। मुझे पद से हटाने के लिए तख़्तापलट की साज़िश की जा रही है।”
इसके साथ ही श्री नेतन्याहू ने आरोप तय करने के समय पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इजरायल की राजनीति के लिए यह कठिन समय चल रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और जांचकर्ता कानून से ऊपर नहीं हैं। अब समय आ गया है कि जांचकर्ताओं को जांच का सामना करना पड़े।
गौरतलब है कि श्री नेतन्याहू पर यह आरोप ऐसे समय में लगे हैं जब इजरायल में करीब छह महीने से राजनीतिक गतिरोध जारी है। इजरायल में अब तक अप्रैल और सितंबर में दो बार आम चुनाव हो चुके हैं और दोनों ही बेनतीजा रहे हैं।