द हेग, 17 जुलाई ।अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए। इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था।
आज फैसले को पढ़ते हुए अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया।
आईसीजे के जज यूसुफ के नेतृत्व में 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलों को सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल दो महीने का समय लगा।
भारत ने जाधव तक बार-बार कंसुलर एक्सेस नहीं मिलने पर पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के प्रावधानों का जबरदस्त उल्लंघन करने के लिए आठ मई, 2017 को आईसीजे का रुख किया था।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नौसेना पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर बुधवार को अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया ।न्यायालय ने अपराह्न तीन बजे (भारतीय समयानुसार 12:30 बजे) अपना फैसला सुनाया ।
आईसीजे की 11 न्यायाधीशों की पीठ ने गत 22 फरवरी को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
श्री जाधव को मार्च 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान प्रांत में ईरान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर मशाकेल शहर से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि श्री जाधव ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। पाकिस्तान ने उन पर हुसैन मुबारक पटेल नाम से पाकिस्तान में रहने और भारत के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनायी थी। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि श्री जाधव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पाकिस्तानी अदालत के इस फैसले को भारत ने मई 2017 में आईसीजे में चुनौती दी जिसके बाद जुलाई 2018 में श्री जाधव की सजा पर रोक लगा दी गयी।
भारत ने पाकिस्तान के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि श्री जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद अपना कारोबार कर रहे थे।
भारत ने श्री जाधव की गिरफ्तारी को वियना संधि का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान से उन्हें भारत को सौंपने की मांग भी की थी लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गत सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे का फैसला स्वीकार करेगा।
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