मुंबई 15 जून ।प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित निवास के पास विस्फोटकों से लदे स्पोटर्स यूटीलिटी वाहन (एसयूवी) की बरामदगी की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो और आरोपियों काे गिरफ्तार किया है।
एएनआई के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस संवेदनशील मामले की जांच के दौरान इन दो लोगों के नाम सामने आने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों एस शेलार एवं आनंद जाधव को बाद में एनआईए के विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से दोनों को 25 जून तक एनआईए हिरासत में भेज दिया गया।
उद्योगपति मुंकेश अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच कर रही एनआईए ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के दफ्तर की तलाशी ली। इस बीच, एक अदालत ने वाजे की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था।
मंगलवार देर रात एनआईए ने कहा कि उसने उस मर्सिडीज कार को जब्त किया है, जिसे वाजे इस्तेमाल करते थे। कार से पांच लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन ।
वाजे को शहर पुलिस की अपराध शाखा के सीआईयू से संबद्ध कर दिया गया था। शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम ने वाजे के दफ्तर की तलाशी के दौरान वहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही।
एनआईए के महानिरीक्षक अनिल शुक्ला ने कहा कि सीएसएमटी स्टेशन के पास पार्किंग से एक काली मर्सिडीज कार जब्त की गई है, जिसका उपयोग वाजे करते थे। उन्होंने बताया कि कार से पांच लाख रुपये नकद, नोट गिनने की एक मशीन, दो नंबर प्लेट और कुछ कपड़े बरामद किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के सात अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आज लगातार तीसरे दिन सीआईयू इकाई के सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की।
गौरतलब है कि अंबानी के मकान के पास कार्मिचेल रोड पर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने के दो दिन बाद 27 फरवरी को काजी ने ठाणे जिले के साकेत इलाके में रहने वाले वाजे की हाउसिंग सोसाइटी के सीसीटीवी की फुटेज ली थी। अधिकारी ने बताया कि इस वीडियो (डीवीआर) का जिक्र बरामद सामान की सूची में नहीं था और जांच एजेंसी को संदेह है कि यह फुटेज साक्ष्य को नष्ट करने के लिए ली गई थी जिससे वाजे मामले में फंस सकते थे।