इंदौर/भोपाल 1 दिसम्बर ।हनीट्रैप मामले में एक मीडिया हाउस और उससे जुड़े संस्थानों और निवास पर पुलिस ने शनिवार देर रात छापा मारा। कार्रवाई के पीछे की वजह हनीट्रैप से जुड़े मामले में हो रहे नए-नए खुलासों को बताया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन ने शाम से ही छापा मारने की रणनीति तैयार कर ली थी।इधर इस छापामारी से पहले 26 नवम्बर 2019 को मध्य प्रदेश के इस हाई प्रोफाइल हनीट्रैप कांड में अपनी कथित संलिप्तता उजागर होने के डर से एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, जिनका नाम हनी ट्रैप मामले में आ रहा है, ने रविवार को आत्महत्या की कोशिश की।
रात साढ़े 11 बजे पुलिस, नगर निगम, बिजली कंपनी, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग के अमले ने एक साथ गीता भवन और साउथ तुकोगंज स्थित दो होटलों, न्यू पलासिया स्थित रेस्त्रां, प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित मीडिया हाउस, कनाड़िया रोड स्थित निवास पर एक साथ छापा मारा।
मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों और संस्थान के कर्ता-धर्ताओं के बीच जमकर हुज्जत हुई। उन्होंने कहा कि आप किस तरह की कार्रवाई करने आए हैं? उन्होंने भारी पुलिस बल लाने पर आपत्ति ली और अतिरिक्त बल हटाने के लिए कहा।
एसडीएम राकेश शर्मा ने संस्थान से जुड़े अमित सोनी से कहा था कि वे सर्चिंग करने आए हैं और उन्हें न रोका जाए। सोनी ने कहा कि सर्चिंग के लिए दो-तीन अफसर जा सकते है। इसके बाद चुनिंदा अफसरों की टीम कार्रवाई करने भीतर पहुंची।
देर रात 11 गाड़ियों समेत दो वज्र वाहन भरकर 70-80 पुलिसबल कनाड़िया रोड स्थित मकान पर पहुंचे। 30 से 40 जवान घर के अंदर घुसे और सर्चिंग शुरू कर दी। घर में घुसने को लेकर पुलिस और परिजनों के बीच विवाद भी हुआ।
हनीट्रैप मामले में लगातार हो रहे खुलासे के बाद मीडिया हाउस ने शनिवार को कोर्ट में हार्ड डिस्क वकील के माध्यम से पेश की थी। इसमें कई बड़े राजनेता और ब्यूरोक्रेट के फुटेज भी बताए जा रहे हैं। इसके बाद मीडिया हाउस के कर्ता-धर्ता को मिली पुलिस सुरक्षा हटा ली गई।
बताते हैं कि शाम से ही कार्रवाई की रणनीति तैयार हो गई थी। छापा मारने से पहले सभी टीमों को पहले रेसीडेंसी कोठी पर बुलवा लिया गया था तब तक गीताभवन क्षेत्र स्थित होटल पर भारी भीड़ लग चुकी थी।
पुलिस और प्रशासन ने शाम से ही छापा मारने की रणनीति तैयार कर ली थी। रात साढ़े 11 बजे पुलिस, नगर निगम, बिजली कंपनी, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग के अमले ने एक साथ गीता भवन और साउथ तुकोगंज स्थित दो होटलों, न्यू पलासिया स्थित रेस्त्रां, प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित मीडिया हाउस, बंगाली कॉलोनी क्षेत्र स्थित निवास पर एक साथ छापा मारा।
संझा लोकस्वामी के मालिक जीतेन्द्र सोनी ने हनी ट्रैप मामले में नेताओं और अधिकारियों के वीडियो किये थे उजागर :
मध्य प्रदेश में पांच महिलाओं द्वारा ब्लैकमेल करने के आरोप में 18 सितंबर को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तारी के बाद कुख्यात हनी ट्रैप कांड में एक ताजा मोड़ तब आया है जब राजनेताओं, नौकरशाहों और सरकारी अधिकारियों को अपनी गलत हरकतें छुपाने के बदले में ब्लैकमेल करने के आरोप में शॉर्ट सेक्स टेप सामने आए , इसी तारतम्य में राज्य पुलिस ने शनिवार को आधी रात कार्रवाई के बाद इंदौर के एक होटल्स और मीडिया संस्थान में छापेमारी की।
होटल्स और मीडिया संस्थान के मालिक जीतू सोनी है जो संझा लोकस्वामी नाम से सांध्य दैनिक संचालित करते है । संझा लोकस्वामी की प्रिंटिंग प्रेस और कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।
यह कार्रवाई लोकस्वामी द्वारा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और एसके मिश्रा, प्रमुख सचिव और लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र के नाम और तस्वीरें प्रकाशित करने के बाद की गई है । लोकस्वामी ने एक साथ यूट्यूब पर भी कुछ हिस्सों को भी जारी किया था ।
इस मामले में कमलनाध सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि लोकस्वामी वीडियो तक पहुंचने में कैसे कामयाब रहे और आशंका है कि यह उसकी छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है क्योंकि वर्तमान सत्तारूढ़ व्यवस्था से कई कथित तौर पर हनी ट्रैप गिरोह द्वारा फंसे हुए थे ।
माना यह जा रहा है कि,इसे उजागर करने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित बेहद ऊपर वाले एक निजी हैकर के रूप में कनेक्शन हो सकते थे जो कमलनाथ सरकार के साथ निकटता से काम कर रहे थे, जिनका हनी ट्रैप गिरोह से गहरा नाता था। इसके बाद से हैकर को उन सभी जिम्मेदारियों से राहत मिली है, जिनका उसे जिम्मा सौंपा गया था ।
पुलिस की यह कार्रवाई एक प्रमुख सचिव रैंक के अधिकारी द्वारा कथित तौर पर राज्य सचिवालय के अंदर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद की गई है, जिसके डर से उनका वीडियो जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र में सामने आने वाला था ।
दो दिन पहले ही हनीट्रेप मामले में सीनियर IAS ने फांसी फांसी लगाकर की थी आत्महत्या की कोशिश , ED ने जानकारी मांगी:
इधर इस छापामारी से पहले 26 नवम्बर 2019 को मध्य प्रदेश के इस हाई प्रोफाइल हनीट्रैप कांड में अपनी कथित संलिप्तता उजागर होने के डर से एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, जिनका नाम हनी ट्रैप मामले में आ रहा है, ने रविवार को आत्महत्या की कोशिश की।
घर में लगाई फांसी, नौकर ने बचाया
मध्यप्रदेश के मंत्रालय में एक विभाग के मुख्य पद पर मौजूद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अपने ही घर पर अपने लिए फांसी का फंदा तैयार किया और उस पर झूल गए। राहत की बात यह है कि यह सब कुछ नौकर ने देख लिया और उसने तत्काल अफसर को फंदे से नीचे उतार लिया।
बताया जा रहा है कि हनी ट्रैप मामले में इस आईएएस अफसर के खिलाफ अब तक कोई सरकारी कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन चर्चाओं में इनका नाम पुख्ता तौर पर लिया जा रहा है। आत्महत्या की कोशिश वाला मामला भी चर्चाओं में ही है। किसी भी पुलिस थाने में इस तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
ईडी ने जानकारी मांगी है
हनी ट्रैप मामले की जांच एजेंसियों में एक नया नाम जुड़ गया है। ईडी (Enforcement Directorate) ने एसआईटी से हनी ट्रैप मामले की कुछ डिटेल्स मांगी है। हनी ट्रैप मामले की आरोपी महिलाओं की विदेश यात्राएं एवं उनके एनजीओ को उपलब्ध कराई गई रकम इत्यादि की जानकारी मांगी गई है।
137 प्रमुख चेहरे बेनाब
इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। मौजूदा एसआईटी के प्रमुख स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी की जांच में मिले ऑडियो और वीडियो में 137 प्रमुख चेहरे बेनकाब हुए हैं। सबसे ज्यादा 54 चेहरे आईएएस और आईपीएस अफसरों के हैं। इन चेहरों में भाजपा, कांग्रेस और RSS से नेताओं के भी बताए जा रहे हैं। जबकि कई उद्योगपति और कारोबारियों के साथ नामी बिल्डर भी हनी ट्रैप में फंसे हैं।
केंद्र सरकार सब कुछ कर रही, ऐसा होगा नहीं
विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार सबकुछ कर रही है। उनके लोग फंसे हैं, उनसे संबंधित अधिकारी भी फंसे हैं। उन सभी लोगों को निकालने के लिए यह सब किया जा रहा है, लेकिन ऐसा होगा नहीं।
दिल्ली की हाई प्रोफािल कॉल गर्ल सिमरन से जुड़े हनी ट्रैप कांड के तार
इधर प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप (Honey Trap) मामले की जांच नई एसआईटी ने शुरू कर दी है और नई एसआईटी पुलिस के सभी केस को अपने हैंडओवर में लेकर जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही एसआईटी 9 साल पुरानी उस फाइल को भी री-ओपन करेगी, जिसमें दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन को पकड़ा गया था. उस समय सिमरन के मोबाइल फोन ने बीजेपी सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी के नाम उगले थे।
हनी ट्रैप मामले में पुलिस की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं थे और विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा था ऐसे में सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की।हालांकि, जांच शुरू करने से पहले ही एसआईटी पर विवाद हो गया. एसआईटी चीफ डीश्रीनिवास वर्मा के जांच से इनकार करने के बाद एटीएस एडीजी संजीव समी को नई एसआईटी की जिम्मेदारी सौंपी गई. नई एसआईटी ने जांच भी शुरू कर दी थी लेकिन अचानक नया मोड़ आया और शमी को भी हटा दिया गया ।http://https//37f.7c5.myftpupload.com
कॉल गर्ल्स सिमरन के हनीट्रैप गैंग से कनेक्शन.-
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी 9 साल पुरानी फाइल को भी री-ओपन करेगी।ये फाइल 2011 में एमपी नगर की एक होटल में पकड़ी गई दिल्ली की हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन की है।उस समय जांच के दौरान कॉल गर्ल्स के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में दो पूर्व मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी का नाम सामने आया था।तत्कालीन सरकार के 2 कद्दावर मंत्रियों के नाम सामने आने के बाद मामले को दबा दिया गया था। अब एसआईटी इसकी जांच इसलिए कर रही है, क्योंकि भोपाल में पकड़ी गई एक आरोपी महिला की दिल्ली की कॉल गर्ल सिमरन से दोस्ती थी,पुलिस सिमरन से जुड़े हनीट्रैप गैंग के कनेक्शन की जांच कर रही है।ये जांच सिमरन और भोपाल की महिला आरोपी के संबंधों और उनकी सक्रियता को लेकर की जा रही है.
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही आरोपी महिला
पुलिस का शक है कि भोपाल की महिला आरोपी ने दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन के जरिए कई रसूखदारों को फंसाने का काम किया होगा. उधर एसआईटी की सदस्य एवं इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा ने कहा है कि इंदौर में दर्ज मानव तस्करी की केस डायरी को भोपाल के अयोध्या नगर थाने भेजा गया है. पुलिस मानव तस्करी से जुड़े मामले के सबूतों को जुटा रही है, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए लैब भेजा गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी महिला पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है।https://attacknews.in