इंदौर, 19 मार्च । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने आज राज्य शासन को कोरोना महामारी के आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन कराये जाने के निर्देश देते हुए उस जनहित याचिका का निराकरण कर दिया जिसमे राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आयोजित होने वाले पारंपरिक भगोरिया उत्सव पर रोक लगाने की मांग की गयी थी।
प्रशासनिक न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायाधीश विवेक रूसिया की युगलपीठ ने आज इस जनहित याचिका का निराकरण कर दिया है।
बीते 15 मार्च को गजानंद ब्राहम्ण निवासी देवझिरी कालोनी जिला बड़वानी के द्वारा इस याचिका को दायर किया गया था।
याचिका में कहा गया था कि महामारी कोरोना के चलते 22 दिवसीय इस आयोजन के लोक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल आसार पड़ने की प्रबल संभावनाएं है।
याचिका में कहा गया था कि भगोरिया का आयोजन राज्य के झाबुआ, आलीराजपुर, धार, खरगोन और बड़वानी जिलों में होता है और इस उत्सव में चार से पांच लाख लोग जुटते हैं।
याचिका में कहा है कि आदिवासी इलाकों में शारीरिक दूरी के नियम और मास्क पहनने की अनिवार्यता लागू नहीं की जा सकती।
युगलपीठ के समक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता ने तर्क देते हुए कहा कि इस संबंध में स्थानीय जिला प्रशासन एहतियातन सभी आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस पर अदालत ने याची के द्वारा उठाये गए मुद्दों की रोकथाम और महामारी के फैलाव को रोकने की दिशा में उचित निर्णय लेने के निर्देश राज्य शासन को देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया है।