नयी दिल्ली, चार दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों को कोविड-19 का टीका विकसित करने में सफलता का पूरा भरोसा है और यह कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है।
मोदी ने कोरोना वायरस पर सर्वदलीय बैठक में यह भी कहा कि पहले यह टीका स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा, उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मियों को दिया जाएगा।
बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय वैज्ञानिकों को कोविड-19 का टीका विकसित करने में सफलता का पूरा भरोसा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि कोविड-19 के टीके के लिए अब बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा और माना जा रहा है कि यह कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में कोविड-19 टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया जाएगा।’’
मोदी ने कहा कि जहां तक कोविड-19 रोधी टीके की कीमत की बात है तो लोक स्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी, राज्यों को पूरी तरह से शामिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की नजर कम कीमत वाले सबसे सुरक्षित टीके पर है और यह स्वाभाविक है कि पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।
इससे पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये।
मोदी ने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों से लिखित में भी इस संबंध में अपने सुझाव भेजने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार अफवाहें फैल जाती हैं जो जनहित और राष्ट्रहित के खिलाफ होती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी जागरुकता फैलाने की है।
महामारी की शुरुआत के बाद संक्रमण के हालात पर चर्चा करने के लिए सरकार की ओर से आयोजित यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है।
सर्व दल बैठक में प्रधानमंत्री के समापन भाषण का मूल पाठ:
आप सभी वरिष्ठ साथियों का बहुत-बहुत आभार!
इस चर्चा में आपने जो विचार व्यक्त किए, जो सुझाव दिए, मैं समझता हूं ये वो बहुत महत्वपूर्ण हैं।वैक्सीन को लेकर जो विश्वास इस चर्चा में नजर आया है, वो कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को और मजबूत करेगा।यहां जो प्रेजेंटेशन हुआ उसमें भी विस्तार से ये बताया गया कि कितने दिनों से प्रयास चल रहे हैं, क्या क्या चल रहे हैं, अब कहां पहुंचे हैं और किस मज़बूती से हम आगे बढ़ रहे हैं।
साथियों,
इस बारे में बीते दिनों मेरी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी लंबी बात हुई थी।टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे।कुछ दिन पहले मेरी Made In India वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही वैज्ञानिक टीमें हैं, से काफी देर तक उनसे बहुत ही सार्थक मेरी बातचीत हुई है।वैज्ञानिकों से मिलने का भी मौका मिला है। और भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत ही आश्वस्त हैं। उनका confidence level बहुत ही मजबूत है। अभी अन्य देशों की कई वैक्सीनों के नाम बाजार में हम सब सुन रहें हैं। लेकिन फिर भी दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इस वजह से स्वाभाविक है पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जाकर मैंने ये भी देखा है कि वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर देश की तैयारियां कैसी हैं।
हमारे भारतीय मैन्यूफैक्चर्स ICMR, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और ग्लोबल इंडस्ट्री के अन्य दिग्गजों के बहुत ही संपर्क में रहकर के तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। आप एक तरह से मानकर चलिए कि सभी कमर कसके तैयार बैठे हैं।करीब-करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन्स हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में ही होनी है।जैसा यहां चर्चा में भी बात आई, भारत की अपनी 3 अलग-अलग वैक्सीन्स का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है।एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि अब कोरोना की वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी।जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।टीकाकरण के पहले चरण में किसे वैक्सीन लगेगी, इसे लेकर भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मिले सुझावों के आधार पर काम कर रही है।इसमें प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे Health Care Workers, FrontlineWorkers औरजो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैंवैसे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी।
साथियों,
वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार की टीमें मिलकर के काम कर रही हैं। भारत के पास वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशनExpertise और Capacity भी है। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले इस क्षेत्र में हम बहुत बेहतर है।हमारे पास टीकाकरण के लिए दुनिया का बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क भी मौजूद है।इसका पूरा लाभ उठाया जाएगा।जो कुछ अतिरिक्त Cold Chain Equipment, अन्य Logistics की जरूरत पड़ेगी, राज्य सरकारों की मदद से उसका भी आकलन हो रहा है।Cold Chain को और मजबूत करने के लिए भी साथ ही साथ अनेक नए प्रकल भी चल रहे हैं। कई और नए प्रयास भी चल रहे हैं। भारत ने एक विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया है Co-WiN, जिसमें कोरोना वैक्सीन के लाभार्थी, वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और स्टोरेज से जुड़ी रीयल टाइम इनफॉरमेशन रहेगी।भारत में कोरोना वैक्सीन की रिसर्च से जुड़े दायित्व के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया था। और वैक्सीन से जुड़े अभियान का दायित्व National Expert Group को दिया गया है। इसमें टेक्नीकल एक्सपर्ट्स हैं, केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी हैं, प्रत्येक जोन के हिसाब से राज्य सरकारों के भी प्रतिनिधि हैं।ये National Expert Group राज्य सरकारों के साथ मिलकर के काम कर रहा है।राष्ट्रीय और स्थानीय, हर जरूरत के मुताबिक फैसले National Expert Group द्वारा सामूहिक तौर पर लिए जाएंगे।
साथियों,
वैक्सीन की कीमत कितनी होगी, इसे लेकर भी सवाल स्वभाविक है।केंद्र सरकार, इस बारे में राज्य सरकारों के साथ बात कर रही है। वैक्सीन की कीमत को लेकर फैसला, जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाएगा।और राज्य सरकारों की इसमें पूरी सहभागिता होगी।
साथियों,
एक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो फैसले लिए, जिस प्रकार भारत ने तेज़ी से वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया, उसका परिणाम आज दिख रहा है।भारत आज उन देशों में है जहां पर प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज्यादा हो रही है।भारत आज उन देशों में है जहां पर रिकवरी रेट भी बहुत ज्यादा है।भारत उन देशों में भी शामिल है जहां पर कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु दर इतनी कम है।भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है, वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है। विकसित देशों, अच्छे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देशों की तुलना में भी भारत ने इस लड़ाई को कहीं बेहतर तरीके से लड़ा है और अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाई है।हम भारतीयों का संयम, हम भारतीयों का साहस, हम भारतीयों का सामर्थ्य, इस पूरी लड़ाई के दौरान अतुलनीय रहा है, अभूतपूर्व रहा है।हमने सिर्फ अपने ही नागरिकों की चिंता नहीं की बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी बचाने का हरसंभव प्रयास किया।
साथियों,
फरवरी-मार्च के आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है।अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं, तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत ज़रूरी है।आप सभी अनुभवी साथियों के सुझाव भी समय-समय पर भी इसमें प्रभावी भूमिका निभाएंगे।आप सभी जानते हैं कि जब भी इतना व्यापक टीकाकरण अभियान चलता है तो अनेक प्रकार की अफवाहें भी समाज में फैलाई जाती हैं।ये अफवाहें जनहित और राष्ट्रहित दोनों के विरुद्ध होती हैं।इसलिए हम सभी दलों का ये दायित्व है कि देश के नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें, उन्हें किसी भी अफवाह से बचाएं।इसके साथ ही, हम जानते हैं दुनिया में जिस प्रकार से कर्व बदल रहा है और चित्रक कहां से कहां जाएगा कोई कह नही सकता, और ऐसे में हमारे जो proven रास्ते हैं, proven हथियार हैं उसको हमने कभी भी छोडना नही है और इसलिए दो गज की दूरी और मास्क के प्रति भी हमें लोगों को लगातार सतर्क करते रहना है।देश ने अब तक जो प्राप्त किया है, किसी भी तरह की लापरवाही उसे नुकसान पहुंचा सकती है। मैं सभी राजनीतिक दलों के महानुभाव से आग्रह करूंगा हरेक को आज बोलने का अवसर नही मिला है, लेकिन मेरी प्रार्थना कि आप लिखित भेजिये, आपके सुझाव बहुत काम आएंगे। आपके सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा और योजना में वो भी बहुत पूरक होंगे।
इन सभी आग्रह के साथ मैं आज आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आपने समय निकाला, बहुत-बहुत धन्यवाद !!